Farmers Tractor rally में हिंसा पर बोले झारखंड कृषि मंत्री- ये आंदोलन खत्म करने की साजिश थी
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Farmers Tractor rally में हिंसा पर बोले झारखंड कृषि मंत्री- ये आंदोलन खत्म करने की साजिश थी

हजारों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर के साथ शामिल होगें. इस रैली का उद्देश्य केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना है और देशहित में, किसान हित में केंद्र सरकार से कृषि कानून (Farmers movement) को वापस लेने की मांग है. 

Farmers Tractor rally में हिंसा पर बोले झारखंड कृषि मंत्री- ये आंदोलन खत्म करने की साजिश थी.

Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने काला कानून (Black law) लाया गया है, उसके कारण किसानों के बीच आक्रोश फैला है. उसका 'हूल आगाज' 31 जनवरी को संथाल के गोड्डा से देवघर के रोहिणी तक ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) का आयोजन किया जाएगा. सभी किसान संगठनों से इस हूल आगाज में समर्थन मांगा गया है. 

इस कार्यक्रम में गठबंधन दल के कई नेता शामिल हो रहे हैं. हजारों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर के साथ शामिल होगें. इस रैली का उद्देश्य केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना है और देशहित में, किसान हित में केंद्र सरकार से कृषि कानून (Farmers movement) को वापस लेने की मांग है. 

उन्होंने कहा कि ये रैली विभिन्न कमिशनरियों में होगा और इसकी शुरुआत संथाल की धरती से करने जा रहे हैं. दो महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान मौजूद हैं. उनके सम्मान में सभी किसान ट्रैक्टर रैली (Farmers Tractor rally) में शामिल होंगे. ये आंदोलन एक जगह तक सीमित नहीं बल्कि व्यापक है. सभी लोग इसमें शामिल हो रहे हैं. 

झारखंड कृषि मंत्री (Jharkhand Agriculture minister) बादल पत्रलेख ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना की निंदा करते हैं. आंदोलन को असफल करने वाले लोगों ने इसमें घुसपैठ किया है. राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्वतः संज्ञान लें और इसकी न्यायिक जांच हो.

उन्होंने आगे कहा कि इस आंदोलन को खत्म करने की ये साजिश थी. आप के एजेंसीज क्या कर रहे थे? इंटरनल सिक्योरिटी (Internal Security) और सिस्टम पर भी सवाल उठ रहा है. 31 जनवरी को गोड्डा से देवघर तक जो ट्रैक्टर रैली होगी, गांधीजी के आदर्शों पर चल कर शांतिपूर्ण तरीके से होगी. 

बादल पत्रलेख ने कहा कि लोकसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस पर बहस करा लिया जाए, राज्यों के विधानसभा में भी विशेष सत्र बुला कर इस पर बहस कराया जाए.