झारखंड: आज भी नहीं बदली गांव की सूरत, ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का फैसला
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झारखंड: आज भी नहीं बदली गांव की सूरत, ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का फैसला

ग्रामीणों ने इस चुनाव में वोट नहीं देने का फैसला अपनी मर्जी से नहीं बल्कि मजबूरी में लिया है. दरअसल, मयुरहण्ड प्रखण्ड के दर्जनों गांव आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.

गांव के लोगों ने किया चुानव बहिष्कार का फैसला.

चतरा: झारखंड में विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections 2019) का शंखनाद हो चुका है. चुनाव आयोग ने चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है. लोकतंत्र के इस महापर्व की तैयारी में सभी दल के नेता और कार्यकर्ता जुट गए हैं. लेकिन इन सबके बीच चतरा के मयूरहंड प्रखंड के मंझगांवा गांव के ग्रामीणों ने इस बार होने वाला विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि इस चुनाव में वे वोट नहीं देंगे.

ग्रामीणों ने इस चुनाव में वोट नहीं देने का फैसला अपनी मर्जी से नहीं बल्कि मजबूरी में लिया है. दरअसल, मयुरहण्ड प्रखण्ड के दर्जनों गांव आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.

ग्रामीण लगातार गांव में सड़क निर्माण की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों के दरवाजे खटखटाते रहे हैं. बावजूद, आज तक उनकी समस्याओं का निराकरण करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. ऐसे में वे सरकारी तंत्र से ही खफा हो चुके हैं और वोट बहिष्कार का निर्णय किया है.

ग्रामीणों का आरोप है कि मंझगांवा के सड़क की हालत वर्षों से यही है. सरकारें आती-जाती रहीं, विधायक-सांसद को वोट देकर जिताया भी लेकिन इस सड़क की किस्मत कभी नहीं बदली. वे यह भी कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि किसी नेता ने इस ओर रुख नहीं किया, नेता आए, ग्रामीणों से उनका कीमती वोट भी लिए, लेकिन आज तक यहां के लोगों को सिर्फ आश्वासन मिला. नेताओं ने बस वोट मांगने के लिए उनके गांव का रुख किया और फिर गांव को भूल गए.