Niti Aayog Meeting: सीएम ने झारखंड विधानसभा से पारित कर हमने सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव भेजा है. उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी.
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Ranchi: नीती आयोग की शनिवार को हुई बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड को लेकर कई महत्वपूर्ण विषय पर खुलकर अपनी बात रखी. हेमंत सोरेन ने बैठक में केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड को अलग से मान्यता देने की मांग की. उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए आदिवासी मंत्रालय का निर्माण हुआ. पांचवीं और छठी अनुसूची भी आदिवासी हित के लिए बनाई गई है. आदिवासियों को लेकर जनगणना में अपनी जगह स्थापित करने हेतु वर्षों से मांग रखी जा रही है. झारखंड विधानसभा से पारित कर हमने सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव भेजा है. उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी.
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ग्रामीण क्षेत्रों के सशक्तिकरण से आत्मनिर्भर बनेगा देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ाना चाहती है. इसके लिए कृषि, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. लाह और रेशम को राज्य सरकार कृषि का दर्जा देने की दिशा में काम कर रही है. मुझे लगता है कि भारत आत्मनिर्भर देश तभी बनेगा, जब ग्रामीण क्षेत्र का सशक्तिकरण होगा. ग्रामीणों का आर्थिक संसाधन कैसे बढ़े, इस पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है.
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MNREGA की राशि मे वृद्धि की मांग
Hemant Soren ने कहा कि झारखंड श्रमिक प्रधान राज्य है. इनके लिए रोजगार सृजन कैसे की जाए इसपर विचार करने की जरूरत है. केंद्र सरकार द्वारा 202 रुपए बतौर मजदूरी दर अंकित किया गया है, जो देश के अन्य राज्यों से कम है. आज के दौर में MNREGA की कार्ययोजना से झारखंड के श्रमिक कम लाभान्वित हो रहें हैं. केंद्र सरकार इस अंकित दर में वृद्धि करे.