अखबार में अपने मरने की खबर पढ़कर नोएडा से झारखंड पहुंच गई युवती, पुलिस की गलती आई सामने
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अखबार में अपने मरने की खबर पढ़कर नोएडा से झारखंड पहुंच गई युवती, पुलिस की गलती आई सामने

दिल्‍ली और झारखंड पु‍लिस की ओर से लड़की की शिनाख्‍त में हुई गलती. पुलिस जांच में जुटी.

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : नोएडा में काम करने आई एक युवती को पुलिस की वजह से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में उसे मृत दिखा दिया था. यहां तक कि उसके घरवालों को भी उसके मरने की खबर दे दी गई. उसके मरने की खबर अखबार में भी प्रकाशित हो गई. इसके बाद उसने नोएडा में जैसे ही अपने मरने की खबर पढ़ी तो व‍ह सकते में आ गई. वह झारखंड स्थित अपने घर खुद के ही जिंदा होने का सुबूत देने के लिए पहुंच गई.

दरअसल यह पूरा मामला पुलिस की ओर से गलत शिनाख्‍त का है. मई में बाहरी दिल्‍ली में मिली एक लड़की की लाश के संबंध में दिल्‍ली पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था और दावा  किया था कि उसने मामला सुलझा लिया है. पुलिस ने उसकी शिनाख्‍त एसीपी रैंक के पुलिस अधिकारी ने आरोपी की ओर से मुहैया कराई गई तस्‍वीर के आधार पर की थी. इसके बाद 16 नवंबर को उसकी तस्‍वीर झारखंड स्थित उसके घर पहुंची. अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है आखिर उससे चूक कहां हुई है और जो सच में मरी है वह लड़की कौन है.

दिल्ली पुलिस मान रही थी कि 6 महीने पहले मई में इस युवती की हत्या हो गई थी, लेकिन वह सोमवार को रांची में अपने घर पहुंच गई. रांची के लापुंग पुलिस स्टेशन इंचार्ज विकास कुमार ने कहा, 'हम किशोरी से मिले और उससे मिलकर पता चला कि एक मानव तस्कर जुलाई में उसे चंडीगढ़ ले गया था, वहां वह एक घर पर काम कर रही थी. इसके बाद वह वहां से नोएडा चली गई.

जब रांची पुलिस को उसके जिंदा होने की जानकारी हुई तो उसने यह सूचना दिल्‍ली पुलिस को दी. उसने दिल्‍ली पुलिस को बताया कि वह अपने परिवार के पास है. दिल्ली पुलिस में डीसीपी (आउटर) सेजू पी कुरुविला ने इस घटना की पुष्टि भी की. अखबार में खबर छपी थी कि जब मानव तस्‍कर से युवती ने अपनी सैलरी मांगी तो उसने उसकी हत्‍या कर दी. साथ ही खबर में उसे 16 साल की नाबालिग बताया गया था, जबकि युवती ने अपनी उम्र 22 साल बताई है.

झारखंड में अपने घर पहुंचने के बाद किशोरी ने झारखंड पुलिस को बताया कि उसे और एक दूसरी लड़की को नौकरी के नाम पर पिछले साल 30 जुलाई को झारखंड से तस्‍करों द्वारा ले जाया गया था. उसे चंडीगढ़ में एक घर में काम दे दिया गया था, वहां उसके साथ मारपीट होती थी. वह वहां से भागी और नोएडा पहुंची. वहां उसे काम मिल गया.

इसी साल 4 मई को पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके के निहाल विहार में एक लड़की के शव के टुकड़े मिले थे. उस वक्त दिल्ली पुलिस शिनाख्त के लिए झारखंड से लड़की के भाई को लेकर आई थी, जिसने कहा था कि टुकड़े उसकी बहन के शरीर के हैं. 17 मई को आरोपी मनजीत करकेटा को गिरफ्तार कर पुलिस ने मामला सुलझा लेने का दावा किया था, जो प्लेसमेंट एजेंसी का मालिक था. उसके साथियों गौरी और साहू को भी अरेस्ट कर लिया गया था जबकि चौथा साथी फरार था. पकड़े गए तीनों आरोपी तिहाड़ में बंद हैं.