चाईबासा में पीड़ित परिवार से मिली राज्यपाल, कहा- 'अभी भी ग्रामीणों को मिल रही धमकी'
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चाईबासा में पीड़ित परिवार से मिली राज्यपाल, कहा- 'अभी भी ग्रामीणों को मिल रही धमकी'

राज्यपाल ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और सभी को अपना धर्म मानने की आजादी है, लेकिन जबरदस्ती किसी को धर्म मनाने के मजबूर नहीं किया जा सकता है.

राज्यपाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.

आनंद, चाईबासा: झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को पश्चिम सिंहभूम जिला के गुदड़ी के बुरुगेलीकेरा गांव का दौरा किया, यहां राज्यपाल ने बीते दिनों नरसंहार में मारे गए 7 आदिवासियों के परिवार से मुलाकात की.

पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद राज्यपाल ने मीडिया से बात करते कहा कि गुदड़ी नरसंहार पत्थरगढ़ी विवाद के कारण हुई है, 7 आदिवासियों को काट दिया गया, जिससे उनके परिवार के लोग काफी डरे हुए हैं.

उन्होंने कहा कि इस इलाके के लोग आज भी पत्थरगढ़ी समर्थकों के खौफ में जी रहे है. इन्हें पूरे परिवार के साथ खत्म करने की धमकी दी जा रही है, हालांकि, जिला प्रशासन ने इनकी सुरक्षा के लिए गेलीकेरा पंचायत भवन में पुलिस पिकेट खोल दिया है, लेकिन इनके अंदर के खौफ को निकालना पड़ेगा, तभी इस इलाके में शांति व जनजीवन सामान्य हो पाएगा.

राज्यपाल ने कहा कि आदिवासियों का एक गुट पत्थरगढ़ी समर्थक है, जो सरकारी सुविधा का विरोध करता है, जबकि दूसरा गुट सरकारी योजना का लाभ लेने के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और सभी को अपना धर्म मानने की आजादी है, लेकिन जबरदस्ती किसी को धर्म मनाने के मजबूर नहीं किया जा सकता है.

मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने पीड़ित परिवार के सभी सदस्यों से एक-एक कर बात की और उनकी पीड़ा को ध्यान से सुना. साथ ही पीड़ित परिवार से घटना के कारणों को विस्तार से पूछा. इस दौरान पीड़ित परिवार ने राज्यपाल से मदद की गुहार लगाई.

पीड़ित परिवार ने राज्यपाल से सुरक्षा की मांग करते कहा कि पत्थरगढ़ी समर्थको द्वारा अब भी उन्हें पूरे परिवार सहित जान से मारने की धमकी दी जा रही है. वहीं, पीड़ित परिवार के सदस्यों ने 25 लाख मुआवजा के साथ गांव में सड़क, बिजली, स्कूल और पानी की सुविधा के साथ सरकारी योजना देने की मांग की.

राज्यपाल ने कहा कि घटना के समय वह दिल्ली में थी, लेकिन जैसे ही जानकारी मिली वह बीच मे ही कार्यक्रम छोड़ रांची आ गई. हालांकि, सीएम हेमंत सोरेन ने उन्हें गुदड़ी जाने से रोक दिया और कहा कि पहले वह जाकर मामले की देख लेते हैं, फिर आप जाईए इसलिए आने में विलंब हुआ है.

वहीं, गुदड़ी इलाके में बिरसायत धर्म मानने वाले बिरसा मुंडा ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर गुदड़ी नरसंहार के लिए पत्थरगढ़ी समर्थकों पर आरोप लगाया कि वे लोग गरीब आदिवासियों का राशन कार्ड व आधार कार्ड छीन रहे हैं. जिससे लोग सरकारी सुविधा लेने से वंचित हैं. बिरसा मुंडा ने स्थानीय विधायक व राज्य की महिला एंव बाल विकास मंत्री जोबा मांझी पर भी निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि 20 साल से जोबा मांझी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही है, कई बार मंत्री रही, फिर गुदड़ी पिछड़ा रहा, अब उनकी सरकार है, फिर भी कोई उम्मीद नहीं है. गौरतलब है कि 19 जनवरी को पत्थरगढ़ी विवाद में 7 आदिवासियों की गला काट कर निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस जघन्य नरसंहार में 17 पत्थरगढ़ी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं.