सदन में JMM विधायक ने कहा- झारखंड एक चारागाह बना हुआ है, कोई भी आता है और...
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सदन में JMM विधायक ने कहा- झारखंड एक चारागाह बना हुआ है, कोई भी आता है और...

झारखंड एक चारागाह बना हुआ है. कोई भी आरा, छपरा, बलिया और बाहर से आकर चाहे वह नौकरी करने आए या बिजनेस करने आये या ठेकेदारी करने आए लौट कर नहीं जा रहे हैं और यहां के जमीन के मालिक भिखारी बने हुए हैं. 

जेएमएम विधायक ने कहा- झारखंड बाहरी लोगों के लिए एक जरूरी चारागाह जैसा, सभी आते हैं और बस यहीं रह जाते हैं.

रांची: झारखंड विधानसभा में भोजनावकाश के बाद 2 बजे से नगर विकास एवं आवास विभाग, परिवहन विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा में सूचना एंव जनसंपर्क विभाग के लिए 1 अरब 39 करोड़, परिवहन विभाग के लिए तीन अरब 25 करोड़, नगर विमानन के लिए 69 करोड़, नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत आवास प्रभाग के लिए 7 करोड़, नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत नगर विकास प्रभाग के लिए 25 अरब 42 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है.

इस पर चर्चा की शुरुआत निर्दलीय विधायक सरयू राय ने करते हुए कहा, पिछले दिनों नगर विकास विभाग में कई अच्छे काम भी हुए हैं. वो प्रशंसा के लायक हैं, लेकिन इसके अलावे भी कई काम हो सकते थे. वो बीच में ही रह गए. तब लगता है विभाग अच्छा काम करते हुए आगे बढ़ रही थी. उस वक्त कोई अदृश्य शक्ति बीच-बीच में सामने आ जाती थी. 

इस सरकार से निवेदन है कि पिछले सरकार के अच्छे कामों को ये सरकार आगे बढ़ाए.

आगे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान सरयू राय ने 2017 में सरकार की छवि बनाने के लिए नियुक्त इंडिया रिपोर्ट कार्ड कंपनी का मामला उठाते हुए कहा कि इंडिया रिपोर्ट कार्ड की जिस तरीके से बहाली हुई थी, इसकी जांच होनी चाहिए. पैसे की इनसे वसूली होनी चाहिए. 

IRC को 2 साल के लिए सरकार की छवि बनाने के लिए 14 करोड़ का काम दिया गया था. साथ ही इंडिया रिपोर्ट कार्ड की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए आगे कहा, कंपनी के पास काम का कोई अनुभव नहीं था. पैसे का अपव्यय हुआ है.

चर्चा में भाग लेते हुए सत्ता पक्ष की तरफ से जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि झारखंड एक चारागाह बना हुआ है. कोई भी आरा, छपरा, बलिया और बाहर से आकर चाहे वह नौकरी करने आए या बिजनेस करने आये या ठेकेदारी करने आए लौट कर नहीं जा रहे हैं और यहां के जमीन के मालिक भिखारी बने हुए हैं. 

जब पूर्व में बीजेपी की सरकार बनी थी यहां तब बड़ी उम्मीद थी. सबसे पहले यहां के लोगों को मारने के लिए पूर्व सीएम रघुवर दास ने यहां स्थानीय नीति बना दिया. किनके लिए उनके लिए जो बाहर से आए हैं.

विपक्ष की तरफ से बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने कहा, दुनिया आगे जाती है और ये सरकार पीछे आती है. बजट में कटौती करती है. पिछले साल की तुलना में नगर विकास में 600 करोड़ का बजट घटाया गया है. इससे शहर के विकास के प्रति ये सरकार कितनी गंभीर है. यह बात समझ से परे है. 

उन्होंने कहा कि 31 प्रतिशत आबादी नगर निगम में बसती है. ये भी झारखंडी ही हैं. उनकी भी चिंता करने की आवश्यकता है. पूर्व की सरकार ने जो अच्छा काम किया है. उसकी तारीफ होनी चाहिए. साथ ही और अच्छा कैसे करें, इसकी भी कोशिश होनी चाहिए.

सत्ता पक्ष की तरफ विधायक प्रदीप यादव ने कहा- पिछली सरकार के कुछ निर्णयों को इस सरकार को बदलनी चाहिए. साथ ही यह भी कहा कि रांची स्मार्ट सिटी की बात होती है, पर थोड़ी सी बारिश हो जाए तो उसकी कलई खुल जाती है. उन्होंने इसके बाद सरकार से मांग करते हुए कहा कि ड्रेनेज- सीवरेज के नाम पर जो पैसे खर्च हुए हैं, इसकी जांच हो.

सरकार की तरफ से विभागीय बजट पर मंत्री चंपई सोरेन ने सदन में जवाब देते हुए कहा- हेमंत सोरेन सरकार की स्पष्ट सोच है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बीच की खाई को कैसे पाटा जाए. इस खाई को परिवहन विभाग के जरिए ही पाटा जा सकता है. शहर की साफ-सफाई, पेयजल से लेकर सीवरेज-ड्रेनेज को सरकार दुरुस्त करेगी. साथ ही कहा सरकार हर शहर में ट्रांसपोर्ट नगर बनाएगी. रांची में भी फ्लाई ओवर बनेगी. राजधानी के अनुरूप रांची शहर में व्यवस्था होगी.