दुमकाः एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकांड के आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
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दुमकाः एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकांड के आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

आईपीएस अधिकारी अमरजीत बलिहार हत्याकांड के आरोपी को दुमका कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. 

एसपी अमरजीत बलिहार के हत्या के आरोपी को फांसी की सजा.

दुमकाः आईपीएस अधिकारी अमरजीत बलिहार हत्याकांड के आरोपी को दुमका कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. दुमक कोर्ट में बुधवार को इस मामले में दोषी दो नकस्ली सुखलाल उर्फ प्रवीर और सनातन बास्की उर्फ ताला को फांसी की सजा सुनाई है.

इससे पहले 6 सितंबर को कोर्ट ने दोनों नकस्लियों को दोषी ठहराया था. जबकि पांच आरोपियों को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया था. कोर्ट में दोनों नक्सलियों की पेशी के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. अमरजीत बलिहार की हत्या साल 2013 में नक्सलियों ने दुमका में कर दी थी.

वहीं, इस हत्याकांड में पांच अन्य पुलिसकर्मी भी मारे गए थे. अमरजीत बलिहार उस वक्त झारखंड स्थित पाकुड़ में एसपी थे. नकस्लियों की इस वारदात ने पूरे पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया था.

गौरतलब है कि एसपी अमरजीत बलिहार 2 जुलाई 2013 को रांची से एक मीटिंग करके पाकुड़ लौट रहे थे. इसी दौरान दुमका के पास नक्सलियों ने वारदात को अंजाम दिया था. नकस्लियों ने उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया था. जिसमें एसपी अमरजीत समेत पांच पुलिसकर्मी मारे गए थे.

आपको बतादें कि आईपीएस अधिकारी अमरजीत बलिहार झारखंड अलग राज्य होने से पहले बिहार में भी अपनी सेवा दे चुके थे. उन्होंने बिहार के कई जिलों में एसडीपीओ के रूप में काम किया था. झारखंड जाने के बाद पदोन्नत होकर पाकुड़ के एसपी बने थे. जिसके बाद नकस्लियों के दिमाग में यह खटकने लगी.

अमरजीत बलिहार के हत्या के मामले में दो नक्सली सुखलाल और सनातन बास्की को गिरफ्तार किया गया. यह दोनों करीब 4 साल से जेल में बंद थे. सुखलाल के वकील ने कोर्ट को दलील दी थी कि मुवक्किल 4 साल से जेल में बंद है. इसलिए उसे एक मौका देना चाहिए. वहीं, जांच में यह भी नहीं पता चला है कि एसपी की हत्या किस हथियार से की गई है. इसलिए आरोपी को मौत की सजा नहीं देनी चाहिए.

हालांकि इस दलील पर कोर्ट ने कहा कि सुखलाल ने कल आईपीएस को मार डाला. कल वकील को मारेगा, फिर वह जज को भी मार सकता है.