रांचीः विदेशों में नौकरी के नाम पर छात्रों से फर्जीवाड़ा, करोड़ों रुपये लेकर कंपनी फरार
Advertisement

रांचीः विदेशों में नौकरी के नाम पर छात्रों से फर्जीवाड़ा, करोड़ों रुपये लेकर कंपनी फरार

राजधानी रांची में विदेशों में नौकरी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. 

नौकरी के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की गई. (प्रतीकात्मक फोटो)

रांचीः राजधानी रांची में विदेशों में नौकरी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. मुथहुथ ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने ITI और डिप्लोमा होल्डर बेरोजगार छात्रों से करोड़ों रुपए की वसूल कर फरार हो गई है. अब इस मामले में पीड़ित छात्रों ने रांची के कांके थाना में मामला दर्ज करवाया है. वहीं, पुलिस मामले की जांच में जुटी गई है.

दरअसल रांची के कांके थाना क्षेत्र में मुथहुथ ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने इंटरनेट पर विदेशों में IIT होल्डर और डिप्लोमा डिप्लोमा होल्डर की नौकरी का वैकेंसी निकाला था. वैकेंसी तुर्की, दुबई, ओमान, कतर और मालदीप जैसे देशों के लिए निकाला गया था.

विदेश में नौकरी पाने की लालच में आकर बिहार, झारखंड और बंगाल के करीब 400 IIT होल्डर और डिप्लोमा डिप्लोमा होल्डर छात्रों ने अप्लाई किया था. नौकरी के अप्लाई करने के लिए छात्रों से कंपनी ने 20 हजार से 40 हजार रुपये तक वसूली की थी. अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग फीस थी.

कंपनी ने छात्रों से पैसा नाहर आमिर गाजी नाम के व्यक्ति के दो अकाउंट में मंगवाया था. यह अकाउंट नंबर थे.

पहला अकाउंट नंबर - 918010044856556
दूसरा अकाउंट नंबर - 024850700000618

दरअसल नाहर आमिर गाजी नाम के व्यक्ति ने मुस्तफा नाम की कंपनी के लाइसेंस पर फर्जी कंपनी मुथहुथ ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड शुरू की थी. और उसी के नाम पर सभी से ठगी की गई. जिन युवकों ने अप्लाई किया उन्हें जो वीजा बना कर कर भी दिया गय था. लेकिन वह भी फर्जी निकला.

छात्रों को अपनी ठगी का एहसास तब हुआ जब एयरपोर्ट से उन्हें लौटाया जाने लगा और पता चला कि उनका वीजा फर्जी है. छात्र जब कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो वह भी बंद कर दिया गया. और सभी अधिकारी फरार हो गए. इसके बाद सभी युवकों ने कांके थाना में लिखित शिकायत दर्ज की.

वहीं, छात्रों की शिकायत पर पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है. हालांकि इस मामले में पुलिस कुछ भी कहने से इनकार कर रही है. लेकिन सवाल यह है कि राजधानी रांची में फर्जी कंपनी का संचालन हो रहा था और प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं थी. प्रशासन की लापरवाही की वजह से छात्रों का जीवन अब अंधेरे में है. वहीं, बच्चे भी इस फर्जीवाड़े से आहत हैं.