मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर पुलिस ने कसी कमर, कहा-पोस्ता-गांजा की खेती करने वालों की अब खैर नहीं
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मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर पुलिस ने कसी कमर, कहा-पोस्ता-गांजा की खेती करने वालों की अब खैर नहीं

अफीम की खेती पर नकेल कसने को लेकर पुलिस, जिला प्रशासन और पारा मिलिट्री फोर्स के सहयोग से वृहत अभियान चलाने की योजना में हैं. इस संयुक्त अभियान में अब तीसरी आंख यानी कि ड्रोन का भी सहारा लिया जाएगा ताकि सुगम और सुदूरवर्ती जंगलों से घिरे इलाकों में भी पुलिस की पहुंच आसान हो.

 

मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर पुलिस ने कसी कमर. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Chatra: झारखंड के चतरा जिले में मादक पदार्थों की खेती और तस्करी पर विराम लगाने को लेकर पुलिस ने अब पूरी तरह कमर कस ली है. अफीम की खेती पर नकेल कसने को लेकर पुलिस, जिला प्रशासन और पारा मिलिट्री फोर्स के सहयोग से वृहत अभियान चलाने की योजना में हैं. इस संयुक्त अभियान में अब तीसरी आंख यानी कि ड्रोन का भी सहारा लिया जाएगा ताकि सुगम और सुदूरवर्ती जंगलों से घिरे इलाकों में भी पुलिस की पहुंच आसान हो.

'पोस्ता-गांजा की खेती करने वालों की अब खैर नहीं'
ऐसे इलाकों में पुलिस और सीआरपीएफ 190 बटालियन मिलकर संयुक्त रूप से ड्रोन से अफीम की खेती पर निगहबानी करेंगे. इस बाबत पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने कहा कि पोस्ता एवं गांजा की खेती करने वालों की अब खैर नहीं है. उन्होंने कहा है कि पोस्ता की खेती पर विराम लगाने के लिए एक साथ कई अभियान चलाए जा रहे हैं. ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए जहां होर्डिंग व पोस्टर लगाए जा रहे हैं, वहीं थाना स्तर पर जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्ध लोगों की लगातार बैठके भी हो रही है.

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'ड्रोन ऑपरेट कर की जाएगी जंगली इलाकों की निगरानी'
एसपी ने बताया है कि पुलिस के पास पर्याप्त संख्या में ड्रोन हैं, जिसका प्रयोग पोस्ता की खेती को रोकने के लिए किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने एक वृहत रणनीति तैयार की है. कहा है कि नारकोटिक्स टीम (Narcotics Squad) को और गतिशील किया जाएगा. वहीं, प्रशिक्षित जवानों के द्वारा ड्रोन ऑपरेट कर जंगली इलाकों की नियमित निगरानी की जाएगी.

'होगी त्वरित कार्रवाई'
उन्होंने कहा कि जहां भी खेती होती है या उसकी संभावनाएं हैं, उन सभी स्थलों पर अभी से ही निगरानी कराई जा रही है. पोस्ता की खेती के अलावा अफीम व ब्राउन शुगर (Brown Sugar) की तस्करी दंडनीय अपराध है, जिसका सामाजिक स्तर पर भी कुप्रभाव पड़ता हैं. उन्होंने जिलेवासियों से अफीम की खेती एवं तस्करी करने वालों के खिलाफ मुखर होने की अपील करते हुए कहा कि पुलिस उनकी पहचान गुप्त रखते हुए त्वरित कार्रवाई करेगी. 

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एसपी ने आगे कहा, इसकी खेती से न सिर्फ कृषि योग्य जमीन बंजर होते हैं बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी अफीम की खेती पर रोकथाम में पुलिस को सहयोग देने की अपील की है. सहयोग नहीं करने वाले जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी.

(इनपुट- सूर्यकांत)

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