Ropeway Crash: त्रिकूट पर्वत की सबसे ऊंचाई में फंसे थे परिवार के 6 लोग, छोड़ दी थी बचने की उम्मीद
Ropeway Crash: जमीन से 2500 फीट की ऊंचाई. नीचे नजर जाए तो डराए मौत और ऊपर देखने पर भी कोई बचने की कोई उम्मीद नहीं. बीते 36 घंटे से जारी रोपवे रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरकार बुधवार को पूरा हो गया. इस हादसे में 4 लोग अपनी जान गंवा चुके है.
देवघर: Ropeway Crash: जमीन से 2500 फीट की ऊंचाई. नीचे नजर जाए तो डराए मौत और ऊपर देखने पर भी कोई बचने की कोई उम्मीद नहीं. बीते 36 घंटे से जारी रोपवे रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरकार बुधवार को पूरा हो गया. इस हादसे में 4 लोग अपनी जान गंवा चुके है. मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह 7 बजे शुरू हुआ था और तकरीबन 6 घंटे के बाद रोपवे में फसे 50 में से 45 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.
सबसे ऊंचाई पर फंसे थे एक ही परिवार के 6 लोग
वहीं 2500 फीट की ऊंचाई पर इस हादसे में एक ही परिवार के बच्ची समेत 6 लोग फंसे थे. एक ट्रॉली में परिवार के चार लोग और दूसरे ट्रॉली में 2 लोग थे. यह 6 लोग सबसे ज्यादा ऊंचाई पर थे. वो आज सपरिवार सकुशल वापस लौट गए है. परिवार की मुखिया कौशल्या देवी ने दर्द बयां करते हुए बताया कि वो सबसे ज्यादा ऊंचाई पर थे. वहां वो 24 घंटे तक फंसे रहे थे. उन्होंने बचने तक की उम्मीद ही छोड़ दी थी. लेकिन सेना के जवानों के आने के बाद कल 4:00 बजे के करीब वापस लौटे जब हम सभी निकल गए. उसके बाद हमारे आगे वाली ट्रॉली से एक लड़का गिर गया था. उसे देख कर हम सबका दर और बड़ गया था.
फंसने के बाद नहीं मिला पीने तक को पानी
कौशल्या देवी ने आगे बताया कि सरकार अगर व्यवस्था नहीं कर सकती है तो इस तरह ट्रॉली चलाने से क्या फायदा है. अब हम कभी नहीं जाएंगे. सैनिकों का शुक्रगुजार है कि सैनिकों ने मदद की. वहीं बच्ची अनन्या ने बताया कि फंसने के बाद हमे कुछ नहीं मिला हम प्यासे थे. लग रहा था नीचे गिर जाएंगे. लेकिन सेना के जवानों ने हमें बचा लिया. वहीं सकुशल घर आने के बाद परिवार के सभी लोग खुश हैं और एक दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं.
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