चतरा में फर्जीवाड़ा, एक ही स्कूल में मां सहायक अध्यापिका और बेटा प्रधानाध्यापक, जानें पूरा मामला
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चतरा में फर्जीवाड़ा, एक ही स्कूल में मां सहायक अध्यापिका और बेटा प्रधानाध्यापक, जानें पूरा मामला

बात का खुलासा झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय में दिया गया प्रमाण पत्र से हुआ है. जिस प्रमाण पत्र में मां की जन्म तिथि 23 नवंबर 1980 है. वहीं उसके बेटे की जन्म तिथि तीन मई 1986 अंकित है. दरसल यह मामला सदर प्रखंड के लेम पंचायत के लातवेद गांव की है.

मां से महज छह साल छोटा बेटा... एक ही स्कूल में बेटा प्रधानाध्यापक व मां सहायक अध्यापिका.

Chatra: झारखंड में फर्जीवाडे़ का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. जहां फर्जी तरीके से मां और बेटा दोनों एक ही सरकारी स्कूल में पदस्थापित हैं. बेटा प्रधानाध्यापक और मां सहायक शिक्षिका के पद पर तैनात है. इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि बेटा अपनी मां से महज छह साल छोटा है. संशय इस बात की है कि बेटा से मां छह साल ही कैसे बड़ी हो सकती है.

 इस बात का खुलासा झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय में दिया गया प्रमाण पत्र से हुआ है. जिस प्रमाण पत्र में मां की जन्म तिथि 23 नवंबर 1980 है. वहीं उसके बेटे की जन्म तिथि तीन मई 1986 अंकित है. दरसल यह मामला सदर प्रखंड के लेम पंचायत के लातवेद गांव की है.

 जानकारी के अनुसार उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, लातवेद में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत अरविंद कुमार है. जबकि उसकी मां सुनिता देवी वहां पर सहायक अध्यापिका पद पर कार्यरत है. सुनिता देवी की नियुक्ति वर्ष 2003 में लेम पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय गोडरा में हुई थी. जबकि अरविंद की नियुक्ति 2005 में उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लातवेद मे हुई. कई वर्षों तक एक ही स्कूल मे रहने के बाद अरविंद को स्कूल का प्रधानाध्यापक बना दिया.

वहीं वर्ष 2018 में राज्य शिक्षा परियोजना के निर्देश पर तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने डेढ़ किलो मीटर के दायरे में स्थित यूपीएस गोडरा को यूपीएस लातवेद में मर्ज कर दिया. परिणाम स्वरूप सुनिता देवी को यूपीएस लातवेद में पदस्थापित कर दिया गया. उसके बाद से सुनिता वहां पर सहायक अध्यापिका के पद पर कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ा रही है.

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चतरा जिला शिक्षा अधीक्षक जितेंद्र कुमार सिन्हा का कहना है कि इसकी जानकारी मिली है. यह जांच का विषय है. कार्यालय में जमा प्रमाण पत्रों से जन्मतिथि का मिलान किया जाएगा. अगर इस तरह की बात है, तों जांच के बाद दोषी सहायक अध्यापक पर कार्रवाई की जाएगी.

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