Jharkhand: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने रामनवमी पर डीजे बजाने पर रोक लगा दी है. इस फैसले के विरोध में हजारीबाग के भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने जुलूस के दौरान डीजे बजाने पर याचिका दायर की है.
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रांची: झारखंड में डीजे बजाने पर विवाद खड़ा हो गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने रामनवमी पर डीजे बजाने पर रोक लगा दी है. इस फैसले के विरोध में हजारीबाग के भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने जुलूस के दौरान डीजे बजाने पर याचिका दायर की है. उन्होनें कोर्ट से आग्रह किया है कि राज्य सरकार का उक्त निर्णय गलत है क्योंकि डीजे बजने से कोरोना का खतरा नहीं हैं. जूकि आपदी विभाग की ओर से जारी पत्र में कोरोना को देखते हुए डीजे बजाने पर रोक लगाई गई है.
निकलने वाले जुलूस पर पाबंदी
चैत्र रामनवमी पर राज्य के प्राय: सभी इलाकों में विशाल शोभायात्राएं निकाली जाती हैं. हजारीबाग में लगातार तीन दिनों तक निकलने वाले जुलूस में लाखों की तादाद में लोग नाचते-गाते शामिल होते हैं. रांची में भी महाअष्टमी को झांकियों के साथ और रामनवमी को विशाल महावीरी पताकों के साथ शोभायात्राएं निकाली जाती हैं. इसके अलावा जमशेदपुर, पलामू, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा, झुमरी तलैया में भी यह त्योहार जबर्दस्त उल्लास के साथ मनाया जाता है. कोविड प्रतिबंधों की वजह से पिछले दो साल से शोभायात्राएं नहीं निकाली जा सकीं. इस बार सरकार ने कई प्रतिबंधों के साथ जुलूस की इजाजत दी है.
अखाड़ा समितियों ने किया सरकारी आदेश का विरोध
रामनवमी पर जुलूस निकालने वाली अखाड़ा समितियां सरकारी आदेश का विरोध कर रही हैं. डीजे और प्री-रिकॉर्डेड गाने बजाने पर रोक के आदेश पर सबसे ज्यादा एतराज जता रही है. रांची और हजारीबाग की रामनवमी महासमितियों ने इसे लेकर सरकार के पास भी विरोध दर्ज कराया है. महासमितियों का कहना है कि जुलूस में डीजे पर धार्मिक गीत ही बजते हैं. यह परंपरा के साथ-साथ आस्था का भी विषय है. हजारीबाग में रामनवमी का जुलूस पूरी रात सड़कों पर रहता है. साथ ही सरकार ने शाम छह बजे के बाद जुलूस निकालने पर भी रोक लगाई है. रामनवमी और अखाड़ा कमेटियों के लोग इसपर भी विरोध जाहिर कर रहे हैं.
भाजपा विधायक ने की याचिका दायर
इस बीच हजारीबाग के भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल की गयी याचिका में कहा है कि राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने 31 मार्च 2022 को कोविड के मद्देनजर जो गाइडलाइन जारी किया है, उसमें डीजे पर प्रतिबंध का आदेश अव्यावहारिक है. एक तरफ केंद्र सरकार ने कोविड को लेकर सभी प्रतिबंध उठा लिये हैं, तो दूसरी तरफ झारखंड में बेतुके आदेश जारी किये जा रहे हैं. संविधान सभी समुदायों को अपने तरीके से धार्मिक आयोजन की इजाजत देता है. आपदा प्रबंधन विभाग के पास ऐसा कोई डाटा नहीं है कि डीजे बजाने से कोरोना फैलेगा. इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाना चहिए. बहरहाल, अदालत में इस मामले पर सुनवाई की तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है.
इनपुट-आईएएनएस