राष्ट्रीय खेल के आयोजन में 'गबन' मामले की जांच करेगी CBI, Jharkhand HC ने जारी किया आदेश
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राष्ट्रीय खेल के आयोजन में 'गबन' मामले की जांच करेगी CBI, Jharkhand HC ने जारी किया आदेश

झारखंड उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में 34वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में जनता के धन के कथित गबन की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से अपने हाथ में लेने का सोमवार को आदेश दिया.  मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंड

(फाइल फोटो)

Ranchi: झारखंड उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में 34वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में जनता के धन के कथित गबन की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से अपने हाथ में लेने का सोमवार को आदेश दिया. 

मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने 2018 में सुशील कुमार सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें राजधानी में 2011 में राज्य द्वारा आयोजित राष्ट्रीय खेल घोटाले की त्वरित जांच की मांग की गई थी. 

खंडपीठ ने पहले मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. पीठ ने कहा कि एसीबी मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है और राज्य सरकार द्वारा आयोजित किए गये खेलों के एक दशक से अधिक समय के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है. 

अपनी याचिका में सुशील कुमार सिंह ने कहा था कि राज्य में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी में 28.38 करोड़ रुपये खर्च किये गए थे.  इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि राष्ट्रीय खेलों की आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने पैसे को बर्बाद किया था. उन्होंने खेल उपकरण और सहायक उपकरण को ऊंची कीमतों पर खरीदा है. इस समिति में अध्यक्ष पूर्व सांसद आरके आनंद, महासचिव एसएम हाशमी और कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक शामिल थे.

इसमें 234 एकड़ भूमि में मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया गया था. जिसमे 600 करोड़ रुपये की लागत लगी थी. इसकी शुरुआत शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के शासनकाल में हुई थी. खेल परिसर के अंदर नौ अलग-अलग स्टेडियम हैं.

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