Jharkhand: सरायकेला से दिल्ली कंधे पर शव लेकर निकला युवक, पीएम से करेगा अस्पताल संचालन की मांग
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Jharkhand: सरायकेला से दिल्ली कंधे पर शव लेकर निकला युवक, पीएम से करेगा अस्पताल संचालन की मांग

सरायकेला का एक युवक मुक्ति कांत विश्वाल अपने जिले में निर्मित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को सुचारू करने की मांग को लेकर भीषण गर्मी के बीच पैदल ही दिल्ली निकल गया है. बाएं हाथ में तिरंगा, पीठ पर बैग और कंधे पर सांकेतिक शव लेकर निकला है.

सरायकेला से दिल्ली कंधे पर शव लेकर निकला युवक

रांची: सरायकेला का एक युवक मुक्ति कांत विश्वाल अपने जिले में निर्मित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को सुचारू करने की मांग को लेकर भीषण गर्मी के बीच पैदल ही दिल्ली निकल गया है. बाएं हाथ में तिरंगा, पीठ पर बैग और कंधे पर सांकेतिक शव लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलने की उम्मीद लिये करीब साढ़े 14 सौ किलोमीटर की लंबी पदयात्रा पर निकला युवक 14 दिनों के कठिन यात्रा के बाद आज चतरा पहुंचा. 

  1. 14 सौ किलोमीटर की पैदल पदयात्रा
  2. राज्य सरकार की लापरवाही से बंद पड़ा हॉस्पिटल

14 सौ किलोमीटर की पैदल पदयात्रा
यहां से करीब 2 महीने और यात्रा कर वह दिल्ली पहुंचेगा. जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का प्रयास करेगा. युवक मुक्ति कांत विश्वाल ने अपने जिले सरायकेला में स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त नवनिर्मित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के नियमित संचालन की मांग की है. इसके लिए वो पैदल दिल्ली यात्रा पर निकले है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 के अप्रैल महीने में सरायकेला दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने वहां के पुराने इस्पात जनरल अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में परिवर्तित करने की घोषणा की थी. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने ग्रामीण नदी पर ब्रिज निर्माण की भी घोषणा की थी. जिसके बाद वर्ष 2018 में उसने सरायकेला से दिल्ली करीब साढ़े 14 सौ किलोमीटर का पैदल पदयात्रा कर दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपने किये वादे को याद दिलाने का प्रयास किया था, लेकिन उसकी मुलाकात प्रधानमंत्री से नहीं हो सकी थी. 

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में खर्च हुए 400 करोड़ 
हालांकि वर्ष 2019 में कागजी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हो गया. जो करीब साढे़ 400 करोड़ खर्च होने के बाद वर्ष 2021 में बनकर तैयार भी हो गया. अस्पताल बनने के बाद मार्च 2021 में राष्ट्रपति के हाथों अस्पताल का उद्घाटन भी हो चुका है. लेकिन उद्घाटन के बाद से आज तक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल राज्य सरकार की लापरवाही के कारण सुचारू रूप से संचालित होने के बजाय बंद पड़ा है. जिससे करोड़ों रुपए खर्च कर बने अस्पताल में इलाज कराने पहुंचने वाले लोगों को जीवनदान मिलने के बजाय उनकी मौत हो रही है.

राज्य सरकार की लापरवाही से बंद पड़ा हॉस्पिटल 
मुक्ति कांत ने बताया कि वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलकर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन लेकर संचालित करने की मांग करेंगे. उन्हें उम्मीद है कि इस बार कठिन पदयात्रा कर दिल्ली पहुंचने के बाद उनकी मुलाकात राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से जरूर होगी. साथ ही उनकी इस मांग को गंभीरता से लेकर पूरा भी जरूर किया जाएगा. अब तक लंबित पड़े ग्रामीण नदी पर ब्रिज निर्माण की मांग को भी वह प्रधानमंत्री के समक्ष दोहराएंगे. ताकि सरायकेला वासियों की उम्मीद को पंख मिल सके.

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