Ropeway Accident: जब रोपवे पर बैठना बन गया आखिरी सफर, पहले भी हो चुके हैं कई हादसे
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Ropeway Accident: जब रोपवे पर बैठना बन गया आखिरी सफर, पहले भी हो चुके हैं कई हादसे

Ropeway Accident: अक्सर रोपवे हादसे का सामना लोगों को करना पड़ता है. देखा जाएं तो रोपवे इतनी ऊचांई पर होता है कि नीचें नजर जांए तो मौत डराती है और ऊपर देखने पर भी कोई बचने की उम्मीद नहीं दिखती है. अक्सर भारत के अलग-अलग राज्यों से रोपवे के हादसे की खबरें सामने आती रहती है.

Ropeway Accident: जब रोपवे पर बैठना बन गया आखिरी सफर, पहले भी हो चुके हैं कई हादसे

देवघर: Ropeway Accident: अक्सर रोपवे हादसे का सामना लोगों को करना पड़ता है. देखा जाएं तो रोपवे इतनी ऊचांई पर होता है कि नीचें नजर जांए तो मौत डराती है और ऊपर देखने पर भी कोई बचने की उम्मीद नहीं दिखती है. कभी जम्मू कश्मीर तो कभी देवघर, कभी डोंगरगढ़ तो कभी बांका या फिर शिमला भारत के अलग-अलग राज्यों से रोपवे के हादसे की खबरें सामने आती रहती है. रोपवे के हादसे में किसी न किसी को अपनी जान गवांनी ही पड़ती है. 

  1. लोगों को अक्सर रोपवे हादसे का सामना करना पड़ता है
  2. रोपवे निर्माण की सुरक्षा पर बड़ा प्रश्नचिह्न

त्रिकूट पर्वत पर तार टूटने से गिरी ट्रॉली
बीते 20 घंटे से ज्यादा समय से झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत पर 48 जिंदगियां फंसी हुई हैं, 10 अप्रैल की रात और अब 11 अप्रैल का दिन उनकी जिंदगी के भयानक दिनों में से एक बन जाएगा. भारत के सबसे ऊंचे रोपवे त्रिकुटी की सबसे ऊंची चोटी समुद्र तल से 2470 फीट ऊपर देवघर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी देवघर-दुमका रोड पर मोहनपुर ब्लॉक में है. वहां रोप वे जमीन से लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर है. त्रिकुट रोपवे में पर्यटकों के लिए कुल 26 केबिन हैं. चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 से 10 मिनट लगते हैं. रोपवे से जाने के लिए 130 रुपये खर्च करने होते हैं. 

बमलेश्वरी मंदिर में भी ट्राली टूटकर नीचे गिर चुकी
छत्तीसगड़ के डोंगरगढ़ में 18 फरवरी 2021 को बमलेश्वरी मंदिर में रोपवे हादसा सामने आया था. बमलेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति की रोपवे ट्रोली में चलते-चलते ही झूलने लगी. वापस आने वाली ट्राली में लोड नहीं होने के चलते ये हादसा हुआ था. टावर के पास आते ही ट्राली उससे टकराई और घूमने लगी. थोड़ी देर तक घूमने के बाद ट्राली टूटकर नीचे गिर गई और एक व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी. 

रोपवे निर्माण की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न 
साल 2019 के जनवरी में जम्मू प्रदेश के में भी रोपवे हादास हुआ था. इस हादसे में दो लोगों की मौत हुई और चार लोग घायल हो गए थे. जम्मू रोपवे परियोजना के केबल कार के बचाव कार्य की प्रैक्‍ट‍िस के दौरान हादसा हो गया था. उस वक्त हादसे का सामने आना, रोपवे निर्माण में सुरक्षा के दावों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया था. 

गुलमर्ग में भी केबल कार हवा से गिर चुकी 
जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग जिले में भी 26 जून 2017 में रोपवे के गिरने से लोगों ने अपनी जान गवांई थी. उस वक्त तेज हवाओं की वजह से एक पेड़ उखड़कर गुलमर्ग गंडोला के रोपवे पर जा गिरा. इससे लाइंस टूट गयी और केबल कार हवा से जमीन में गिर गई थी. उस हादसे में चार लोगों ने अपनी जान गवांई थी. चारों ही लोग दिल्ली के निवासी थे.

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