दहेज लोभियों के लिए प्रेरणास्रोत बना देवघर का ये परिवार, डीसी ने किया सम्मानित
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दहेज लोभियों के लिए प्रेरणास्रोत बना देवघर का ये परिवार, डीसी ने किया सम्मानित

देवघर में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में, देवघर से कई ऐसे लोग सामने आ रहे हैं जिन्होंने दहेज प्रथा खत्म करने के लिए बिना दहेज की शादी की है.

दहेज लोभियों के लिए प्रेरणास्रोत बना देवघर का ये परिवार, डीसी ने किया सम्मानित

देवघर: दहेज एक सामाजिक बुराई है. दहेज की वजह से महिलाओं को यातनाएं देने, प्रताड़ित करने संबंधी कई आपराधिक घटनाएं आए दिन सामने आते रहते हैं. यदि हम झारखंड की बात करें तो यहां भी दहेज प्रथा का बोलबाला है. हालांकि, कानून की नजर में दहेज लेना और देना दोनों अपराध है, लेकिन यह भी सच है कि बिना दहेज के शादियां बहुत कम ही होती हैं. 

दहेज प्रथा के खिलाफ अब कई परिवार आ रहे सामने 
झारखंड में दहेज प्रथा के खिलाफ अब कई परिवार सामने आ रहे हैं. इनका उत्साह बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन इन्हें सम्मानित भी कर रहा है. यहां हम एक ऐसे परिवार की जानकारी दे रहे हैं, जहां कोई भी सदस्य दहेज देकर और दहेज लेकर शादी नहीं करता है. ऐसे में, यह परिवार दहेज लोभियों के लिए एक सबक है.

देवघर में चलाया जा रहा है विशेष अभियान 
दरअसल देवघर में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में, देवघर से कई ऐसे लोग सामने आ रहे हैं जिन्होंने दहेज प्रथा खत्म करने के लिए बिना दहेज की शादी की है. इन्हें देवघर डीसी के द्वारा सम्मानित भी किया जा रहा है. देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर के समीप रहने वाले प्यारेलाल पांडेय का परिवार भी इसी श्रेणी में आता है. 

प्यारेलाल का परिवार देवघर के लिए बना प्रेरणास्रोत
प्यारेलाल का परिवार देवघर के लिए प्रेरणास्रोत है. इनके परिवार में दहेज लेकर कोई भी शादी नहीं करता है. यह इस परिवार की खासियत है. एक कार्यक्रम के दौरान उनके परिवार को जिला प्रशासन ने सम्मानित भी किया है. परिवार का मानना है कि दहेज एक अभिशाप है, यह दो परिवारों के संबंध में कटुता लाती है. अगर बिना दहेज के आप अपने बेटे की शादी करते हैं तो आपकी बेटी भी बिना दहेज की ही ससुराल विदा होगी. ऐसे में, दो परिवार खुश होते हैं. इस परिवार में सत्यम पांडेय और वर्षा कुमारी ने बिना दहेज के शादी कर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया है और आज पूरा परिवार खुश है.                     

दहेज नहीं लेने और नहीं देने के लिए संकल्प लेने की जरूरत 
इस परिवार के सदस्यों ने समाज की इस कुरीति को जड़ से खत्म करने के लिए एक प्रेरणास्रोत कार्य किया है. इनका मानना है कि इससे समाज में परिवर्तन आएगा. वहीं, देवघर डीसी भी मानते हैं कि समाज की इस कुरीति को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है. इसके लिए संकल्प लेने की जरूरत है कि ना दहेज लेंगे और ना ही देंगे.                      

(इनपुट-विकास राउत)

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