Child Vaccination In Jharkhand: झारखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच कल से 15-18 आयु वर्ग के टीकाकरण का नया दौर शुरू हो रहा है. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. प्रशासन ने किया अनुरोध, कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में माता पिता अपने बच्चों को वैक्सीनेट करवाएं ताकि वे कोरोना संक्रमण से खुद को बचा सके.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

3 जनवरी 2022 से मिलने लगेगी वैक्सिन 


बच्चों के टीकाकरण के लिए कल राजधानी रांची के 5 स्कूलों में टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं जिनमें डीएवी हेहल, मारवाड़ी स्कूल ,जिला स्कूल, गौरी दत्त मंडेलिया स्कूल रातू रोड ,गवर्नमेंट प्लस टू हाई स्कूल कांके में 15 साल से 18 वर्ष के बच्चों को कोविड वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी.


हालांकि अभी तक डैशबोर्ड पर यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने बच्चों का पंजीयन पहले दिन के टीकाकरण के लिए हुआ है. सरकार द्वारा इस वर्ग के टीकाकरण के लिए अलग केंद्र बनाने के निर्देश सभी उपायुक्तों को दिए गए हैं, साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर ऐसा संभव नहीं होता है तो संबंधित टीका केंद्रों पर ही किशोरों और व्यस्को के लिए अलग-अलग कतार की व्यवस्था की जाए.


1 जनवरी से शुरू हो चुका है पंजीयन 


टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर इस आयु वर्ग के लिए 1 जनवरी से पंजीयन शुरू हो गया है. जिला प्रशासन ने इसके लिए तमाम अभिभावकों से अनुरोध किया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में माता पिता अपने बच्चों को वैक्सीनेट करवाएं ताकि वे कोरोना संक्रमण से खुद को बचा सके. अब जब वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही हो है तो हमें खुशी है कि बच्चे भी कोरोना संक्रमण से सुरक्षित हो जाएंगे. 


यह भी पढ़ें: Night Curfew: झारखंड में नाइट कर्फ्यू का सुझाव, बंद हो सकती हैं ये सेवाएं


रजिस्ट्रेशन शुरू होने से बच्चों में खुशी की लहर


वही टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके बच्चे खुश हैं. बच्चों का कहना है कि जब बड़ों को हम वेबसाइट पर रजिस्ट्रड होते देखते थे तो हमारे मन में भी यह बात आती थी कि कोरोना सबके लिए है फिर हमारे लिए वैक्सिन क्यों नहीं. अब जब सरकार ने हम लोगों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था की है तो हम इसके लिए बिल्कुल खुश हैं.


बरहाल एक तरफ झारखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में लगातार इजाफा हो रहा है दूसरी तरफ सोमवार से 15 से 18 साल के किशोरों के टीकाकरण प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है, इससे कहीं ना कहीं उन अभिभावकों को थोड़ी राहत मिलेगी जो कोरोना के थर्ड वेव में अपने बच्चों के संक्रमित होने की आशंका में ग्रसित हैं.