झुमरी तलैया: रघुवर सरकार के प्रयास से आत्मनिर्भर हो रही हैं महिलाएं
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झुमरी तलैया: रघुवर सरकार के प्रयास से आत्मनिर्भर हो रही हैं महिलाएं

कोडरमा में महिलाओं को खादी ग्रामोद्योग से जोड़कर कौशल विकास के तहत सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया. 

झुमरी तलैया: रघुवर सरकार के प्रयास से आत्मनिर्भर हो रही हैं महिलाएं

रांची: रघुवर सरकार के प्रयास से झारखंड की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है. कोडरमा में महिलाओं को खादी ग्रामोद्योग से जोड़कर कौशल विकास के तहत सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया और फिर उन्हें रोजगार से जोड़ा गया. झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग में न सिर्फ महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि इस संस्थान से जुड़कर महिलाएं कौशल विकास योजना के तहत रोजगार भी पा रही हैं. सिलाई और कटाई की ट्रेनिंग के बाद महिलाएं बड़े पैमाने पर खादी की शर्ट, कुर्ता, लेडीज कुर्ती और टोपी तैयार कर रही हैं. कोडरमा के झुमरीतलैया में एक ही जगह पर सिलाई प्रशिक्षण केंद्र, कपड़ा उत्पादन केंद्र और यहां बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए खादी शो रूम बनाया गया है. 

प्रशिक्षण लेने वाली सपना देवी का कहना है कि हम लोग यहां ट्रेनिंग कर रहे हैं 6 महीने तक ट्रेनिंग करेंगे. ट्रेनिंग के दौरान हमें 1500-1500 रुपए प्रति महीने रुपए दिए जा रहे हैं. 6 महीने की सिलाई ट्रेनिंग के दौरान महिलाओं को 1500 रुपए प्रति महीने सरकार की तरफ से दिया जाता है. ट्रेनिंग के बाद महिलाएं खादी से बने डिजाइनर कपड़े तैयार करती है जिससे हर महीने 5 हजार रुपए की आमदनी होती है. इसके बाद इन कपड़ों को बेचने के लिए बनाए गए शोरूम में भी महिलाओं को रोजगार दिया जाता है. 

 

 

प्रशिक्षक सुनीति विश्वास का कहना है कि प्रधानमंत्री कुशल विकास योजना के तहत यहां की महिलाएं इस प्रशिक्षण केंद्र में आ रही हैं और ट्रेनिंग कर रही हैं. ट्रेनिंग के दौरान 1500 रुपए की मदद दी जाती है. 

प्रशिक्षण लेने वाली कोमल अंबस्टा का कहना है कि झारखंड सरकार की तरफ से हमें बढ़ावा मिल रहा है. यहां हमें पैसा भी मिल रहा है और सिखाया भी जा रहा है. कोडरमा के झुमरी तिलैया में खादी ग्रामद्योग बोर्ड को खुले 2 साल हो गए. इस दौरान यहां सैकड़ों महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया. कई महिलाएं इसी संस्थान में रोजगार पा रही है तो कई महिलाएं ट्रेनिंग के बाद खुद अपना बिजनेस कर रही हैं. एक ही छत के नीचे ट्रेनिंग से लेकर रोजगार तक की व्यवस्था...महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है.

(Exclusive Feature)