सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर जी मीडिया से बात करते हुए मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से अलग रुख अख्तियार करते हुए गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की है.
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पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है. मांझी ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर तैयारी होने का दावा किया है. साथ ही मांझी ने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए 20 और विधानसभा में 120 सीटें का दावा किया है. ज्ञात हो कि मांझी महागठबंधन का हिस्सा हैं.
इसके अलावा सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर जी मीडिया से बात करते हुए मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से अलग रुख अख्तियार करते हुए गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की है.
मांझी के दावे पर आरजेडी ने भी प्रतिक्रिया दी है. आरजेडी विधायक शिवचन्द्र राम ने मांझी को महागठबंधन का बड़ा नेता बताते हुए कहा कि हर पार्टी को यह आकांक्षा रहती है कि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़े. महागठबंधन में शामिल सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक साथ बैठेंगे और सीटों का बंटवारा होगा. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का एकमात्र लक्ष्य देश में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार को हराना है.
मांझी के दावे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी तंज कसा है. बिहार सरकार के मंत्री विनोद नारायण झा ने 20 सीटों के दावे पर कहा कि मांझी के इस बयान का कोई मतलब नहीं है. यह बयान हवा-हवाई है. जीतन राम मांझी डिंग हाक रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह महागठबंधन के लोगों को ब्लैकमेल कर रहे हैं. उन्हें दो से अधिक सीट नहीं मिलने वाली है. मांझी को स्वार्थी बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका अपना और बेटे का मामला सेटल हो गया है, अब दामाद के लिए परेशान हैं.
जेडीयू प्रवक्ता सुहेली मेहता ने कहा कि जीता राम मांझी ने आरजेडी और कांग्रेस को हैसियत बता दी है. जो बिना काम किए दलितों की हितैषी बन जा रहे हैं, उनको अब मांझी के लिए दरियादिली दिखानी चाहिए.