सीट शेयरिंग पर जीतनराम मांझी ने साधी चुप्पी, गया से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की
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सीट शेयरिंग पर जीतनराम मांझी ने साधी चुप्पी, गया से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की

सीट शेयरिंग पर बढ़े संकट के कारण ही महागठबंधन की आज (मंगलवार को) सीट शेयरिंग को लेकर होने वाली सामूहिक घोषणा भी टाल दी गयी है.

सीट शेयरिंग पर जीतनराम मांझी ने साधी चुप्पी, गया से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की

पटना : महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला उलझता ही जा रहा है. आज दूसरे चरण के नॉमिनेशन को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है, लेकिन अभी तक ये तय नहीं हो पाया है कि कौन सा दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर साफ नहीं होने के कारण आज भी महागठबंधन की सामूहिक घोषणा टल गयी है. इस मामले पर जीतन राम मांझी ने चुप्पी साध ली है. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए की घोषणा के कारण महागठबंधन का समीकरण गड़बड़ हो गया है, जिसे दुरुस्त करने की कवायद चल रही है.

महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला बुरी तरह फंस चुका है. आलम यह है कि गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं ने मामले पर चुप्पी साध ली है. जीतन राम मांझी उन्हीं नेताओं में से एक हैं. कल तक पत्रकारों के लिए अपना दरवाजा 24 घंटे खुले रखने वाले मांझी ने अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं मांझी किसी पत्रकार से बात करने के लिए तैयार नहीं हैं. चर्चा इस बात की है कि भले ही महागठबंधन में सीट शेयरिंग की घोषणा नहीं हुई हो, लेकिन मांझी 25 मार्च को गया सीट के लिए नॉमिनेशन करने तैयारी कर चुके हैं.

सीट शेयरिंग पर बढ़े संकट के कारण ही महागठबंधन की आज (मंगलवार को) सीट शेयरिंग को लेकर होने वाली सामूहिक घोषणा भी टाल दी गयी है. सीट शेयरिंग की घोषणा में होने वाले विलंब को लेकर कांग्रेस की ओर से अजीबो-गरीब बयान आया है. पार्टी के प्रवक्ता हरखू झा ने कहा है कि एनडीए की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर की गयी घोषणा के कारण महागठबंधन का समीकरण बिगड़ सा गया है. यही वजह है कि महागठबंधन के दल उस समीकरण को दुरुस्त करने में जुटे हैं. कौन सा दल किस सीट पर अपना कैंडिडेट देगा इसकी समीक्षा फिर से की जा रही है. 

कुल मिलाकर कहा जाए तो सीट शेयरिंग महागठबंधन के लिए कड़वी खीर साबित हो रही है. जिससे निगलने के लिए कोई दल तैयार नहीं है. वैसे सबकी उम्मीदें अब कांग्रेस पर ही टिकी हैं, क्योंकि आरजेडी कांग्रेस को 8 सीटें देना चाहती है, जबकि कांग्रेस 10 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है. ऐसे में महागठबंधन के लिए आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि आरजेडी की ओर से आज हर हाल में फैसला लिये जाने को लेकर कांग्रेस पर दबाव बढ़ा दिया गया है.