झारखंड : सिंहभूम सीट पर संग्राम, मधु कोड़ा की पत्नी के नाम पर कांग्रेस-JMM आमने-सामने
सिंहभूम सीट पर कांग्रेस पूर्व सीएम मधु कोड़ा की जगन्नाथपुर विधायक पत्नी गीता कोड़ा को प्रत्याशी बनाना चाहती है, जबकि कोल्हान में झामुमो का स्थानीय संगठन सिंहभूम सीट से झामुमो का प्रत्याशी उतारने की जिद पर अड़ा है.
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सिंहभूम : लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच गठबंधन होता नजर तो आ रहा है, लेकिन दोनों पार्टी के नेता और विधायक कोल्हान में अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में सिंहभूम सीट पर झामुमो के विधायकों के बाद अब जिला कमेटि ने भी सीट की दावेदारी पेश कर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को अपना फैसला सुना दिया है.
झामुमो जिला कमेटी किसी भी कीमत पर सिंहभूम सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. सिंहभूम सीट पर कांग्रेस पूर्व सीएम मधु कोड़ा की जगन्नाथपुर विधायक पत्नी गीता कोड़ा को प्रत्याशी बनाना चाहती है, जबकि कोल्हान में झामुमो का स्थानीय संगठन सिंहभूम सीट से झामुमो का प्रत्याशी उतारने की जिद पर अड़ा है.
झामुमो की जिला कमेटि की बैठक में मनोहरपुर की विधायक जोबा मांझी ने कांग्रेस पर एक तरफ निशाना साधा तो दूसरी तरफ झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को नसीहत देते हुए कहा कि अगर सिंहभूम सीट से झामुमो का प्रत्याशी नहीं उतारा गया तो हेमंत सोरेन का सीएम बनने का सपना खत्म हो जाएगा. 2019 में कांग्रेस किसी भी कीमत पर किसी झामुमो के विधायकों को जीतने नहीं देगी और कोल्हान से झामुमो का सफाया हो जाएगा. जोबा मांझी ने कहा कि कांग्रेस सीधी लाठी नहीं मार रही, बल्कि मीठी जहर देकर खत्म करना चाहती है.
चक्रधरपुर के विधायक शशिभूषण सामड ने साफ कहा कि लोकसभा में कांग्रेस का प्रत्याशी चुनाव लड़ा तो समझिए 2019 विधानसभा चुनाव में झामुमो का एक भी विधायक चुनाव नहीं जीत पाएगा. चक्रधरपुर विधायक ने राहुल गांधी से अपील करते कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनना है तो जीतने वाले पार्टी के प्रत्याशी को ही मैदान में उतारना चाहिए. झामुमो का प्रत्याशी जीतेगा तो केंद्र में उनका ही समर्थन करेगा.
मनोहरपुर और चक्रधरपुर के झामुमो विधायकों का समर्थन करते हुए पूर्व विधायक सुखराम उरांव ने कार्यकर्ताओं के समक्ष 2009 की पूरी कहानी रख दी. पूर्व विधायक ने सीधे-सीधे पूर्व सीएम मधु कोड़ा और कांग्रेस पर आरोप लगा दिया कि चक्रधरपुर और मझगांव से झामुमो के विधायकों को हरावया था. पूर्व विधायक ने कहा कि 2009 के लोकसभा में कांग्रेस और झामुमो बीच गठबंधन हुआ, लेकिन 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन करने से इनकार कर दिया. इस कारण वे महज 272 वोट से और मझगांव विधायक हार गए. उन्होंने कांग्रेस को मौकापरस्त बताते हुए कहा, 'खुद समर्थन ले लेती है और समय आने पर समर्थन देने से इनकार कर देती है. कांग्रेस झामुमो को खोखला करना चाहती है.'
बहरहाल, कोल्हान में झामुमो का संगठन और सभी विधायक और नेता सिंहभूम सीट से प्रत्याशी उतारने के अपने रुख पर अड़े हुए हैं. आज झामुमो की बैठक में हेमंत सोरेन क्या फैसला लेते हैं. यह देखना महत्वपूर्ण होगा. हेमंत सोरेन कांग्रेस की मांग को मानेंगे या अपने कोल्हान के नेताओं की मांग को, सबकी नजर अब उन्हीं पर टिकी है.
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