बिहार: बेरोजगारी, भ्रष्टाचार व शिक्षा के मामले पर 18 फरवरी को JVP की मानव श्रृंखला
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बिहार: बेरोजगारी, भ्रष्टाचार व शिक्षा के मामले पर 18 फरवरी को JVP की मानव श्रृंखला

 उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार ने दहेज बंदी के लिए श्रंखला बनाई, मगर क्या बिहार में दहेज बंद हुआ? शराबबंदी के लिए श्रंखला बनाई, मगर आज धड़ल्ले से शराब की 'होम डिलीवरी' हो रही है.

18 फरवरी को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और शिक्षा में बदहाली को लेकर जेवीपी ने बुलाई मानव श्रृंखला.

पटना: जनतांत्रिक विकास पार्टी (जेवीपी) आगामी 18 फरवरी को बिहार की राजधानी पटना में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) तथा राज्य में शिक्षा की बदहाली के खिलाफ एक मानव श्रंखला बनाएगी. जेवीपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी ओर से आज तक लगाई गईं सभी मानव श्रृंखलाओं पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है.

जेवीपी के प्रमुख अनिल कुमार ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 'जल जीवन हरियाली' मानव श्रंखला पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार ने दहेज बंदी के लिए श्रंखला बनाई, मगर क्या बिहार में दहेज बंद हुआ? शराबबंदी के लिए श्रंखला बनाई, मगर आज धड़ल्ले से शराब की 'होम डिलीवरी' हो रही है. राजधानी पटना में ही थाने में पुलिसकर्मी शराब बंदी के बावजूद शराब का जश्न मना रहे थे."

उन्होंने जनता दल(यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर सूबे में शराब ब्रिकी का सिंडेकेट बनाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि "आज बिहार में शराब बिक्री में नेता और अधिकारी की संलिप्तता बराबर की है."

मुख्यमंत्री के दिल्ली चुनाव में दिए गए बयान को भी आड़े हाथों लेते हुए जेवीपी नेता अनिल ने कहा, "नीतीश कुमार के स्कूलों की दशा कैसी है, ये किसी से छिपी नहीं. ऐसी ओछी बयानबाजी कर वे बिहार की जग हंसाई करवा रहे हैं. खुद नीतीश कुमार अब बिहार की खिल्ली उड़वा रहे हैं. बिहार में 'डबल इंजन' की सरकार है, फिर भी नीतीश कुमार पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं दिलवा पाए."

उन्होंने कहा, "बिहार बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और शिक्षा की बदहाली से त्रस्त है. इन्हीं मांगों को लेकर हमारी पार्टी 18 फरवरी को पटना में अशोक राज पथ से कारगिल चौक होते हुए सचिवालय तक मानव श्रंखला बनाएगी." अनिल कुमार ने सीएए को जेडीयू के समर्थन करने पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार सदन में कुछ और करते हैं और बाहर धर्मनिरपेक्षता का कार्ड खेलते हैं. ये अब नहीं चलेगा."
Input:- IANS