Katihar Crime: प्रसव उपरांत उक्त अस्पताल में कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों के परिजनों से पंद्रह हजार रुपये की मांग की. बच्चे के परिजनों के द्वारा राशि देने से इनकार करने पर नर्सिंग होम प्रबंधन के द्वारा बच्चे को बंधक बना लिया
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कटिहारः मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बिहार के कटिहार जिला के कोढ़ा थाना क्षेत्र के गेड़ाबाड़ी जुराबगंज से सामने आई है. जहां जीवन ज्योति हेल्थ केयर में फर्जी तरीके से अस्पताल संचालित किया जा रहा था. उक्त अस्पताल में पोठिया थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी रवीश कुमार की पत्नी विभा कुमारी को प्रसव हेतु लाया गया. प्रसव उपरांत उक्त अस्पताल में कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों के परिजनों से पंद्रह हजार रुपये की मांग की. बच्चे के परिजनों के द्वारा राशि देने से इनकार करने पर नर्सिंग होम प्रबंधन के द्वारा बच्चे को बंधक बना लिया और कहा कि जब तक राशि नहीं दोगे तब तक मृत नवजात का शव आपको नहीं सौंपेंगे.
परिजनों ने इसकी शिकायत कोढ़ा के चिकित्सा पदाधिकारी अमित आर्य और एसडीपीओ धर्मेंद्र कुमार को लिखित आवेदन देकर की. पीड़ित परिजन के द्वारा दिए गए आवेदन में कुंदन कुमार साह, ग्राम रामनगर, थाना पोठिया, जिला कटिहार ने जिक्र किया है कि मेरे भाई रवीश कुमार साह, उम्र 23 वर्ष की पत्नी विभा कुमारी, उम्र 21 वर्ष प्रसव कराने हेतु आशा रुक्मिणी देवी, ग्राम दियरा चांदपुर, थाना पोठिया ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेली ले गई. कुछ देर बाद उसके द्वारा गेड़ाबाड़ी कोढ़ा में स्थित जीवन ज्योति हेल्थ केयर लेकर चले गए.
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इसके बाद जीवन ज्योति हेल्थ केयर द्वारा भर्ती कर लिया गया. जहां फर्जी डॉक्टर के द्वारा इलाज कर दिया गया. जिसमें नवजात की मृत्यु हो गई. आगे आवेदन में लिखा है कि उक्त अस्पताल के प्रबंधन के द्वारा बीस हजार रुपये ले लिया गया और नवजात की मृत्यु हो जाने के बाद भी मुझसे 15 हजार रुपये की मांग करने लगे. रुपये नहीं देने के बाद नवजात का शव देने से मना कर दिया. नवजात का शव को 24 घंटे से बंधक बनाकर रखा हुआ था.
आवेदन मिलते ही एक टीम का गठन किया गया. टीम में कोढ़ा सीओ अंजू कुमारी, चिकित्सा पदाधिकारी अमित आर्य और कोढ़ा प्रभारी थानाध्यक्ष राजेश कुमार शामिल थे. टीम ने अस्पताल परिसर में छापेमारी की. जहां डॉक्टर मौजूद नहीं मिले. अस्पताल के स्टाफ से दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वे कोई भी वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके.
चिकित्सा पदाधिकारी अमित आर्य ने बताया कि दस्तावेज न होने की स्थिति में अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी और आगे की जांच की जा रही है. वहीं प्रशासन ने नवजात का शव को लेकर परिजन को सौंप दिया. नवजात का शव मिलते ही परिजन शव को लेकर अपने घर ले जाकर दाह संस्कार की तैयारी में जुटे. स्थानीय लोगों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और फर्जी अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
इनपुट- रंजन कुमार
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