रिजिजू ने सदन में कहा कि सिर्फ नक्सली ही नहीं कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन भी बच्चों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं.
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मनीष शुक्ला/नई दिल्ली : अपने नापाक मंसूबों को कामयाब करने के लिए नक्सली और आतंकी नन्हीं जानों को अपनी गिरफ्त में लेकर ट्रेनिंग दे रहे हैं. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने यह स्वीकारा कि नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सली गांव में बच्चों को अपनी लड़ाई में जोड़ रहे हैं. इसमे झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शामिल हैं.
रिजिजू ने सदन में कहा कि सिर्फ नक्सली ही नहीं कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन भी बच्चों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं. हालांकि अभी तक बच्चों को मानव बम बनाने की ऐसी कोई खबर सामने नहीं आई है.
रिजिजू ने सदन में भरोसा दिलाया कि सरकार इस खतरनाक ट्रेंड को रोकने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. नक्सल प्रभावित इलाकों में स्कूल की पढ़ाई से लेकर कौशल विकास पर सरकार ने ज्यादा ध्यान दिया है.
झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को आंतक का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल करने के लिए वहां की सरकारें व्यापक स्तर पर कोशिश कर रही है. सैकड़ों नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण भी किया है. इतना ही नहीं नक्सलियों के गढ़ में बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल भी खोले जा रहे हैं. इसके बावजूद इस तरह की बात सामना आना चिंता उतपन्न करती है. देखना है कि सरकार नौनिहालों को नक्सलियों और आतंकियों के हथियार बनने से रोकने के लिए क्या कदम उठाती है.