धनबाद की लक्ष्मी. इन्होंने अपनी जिद से अपने पति को सही रास्ता दिखाया. उनकी जिद का ही परिणाम था कि उनके पति को घर में टॉयलेट बनवाने के लिए मजबूर होना पड़ा. अब लक्ष्मी को इनके इस काम के लिए शासन की ओर से सम्मान भी मिल रहा है.
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धनबाद : अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा इन दिनों खूब पसंद की जा रही है. इसमें शादी के बाद टॉयलेट न होने के चलते पत्नी घर छोड़कर चली जाती है. इसके बाद पत्नी के सम्मान के लिए पति के संघर्ष को दिखाया है. ये फिल्म एक रियल स्टोरी पर आधारित है. लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे और भी कई किरदार हैं, जो समाज के लिए प्रेरणा बन रहे हैं. ऐसी ही हैं, धनबाद की लक्ष्मी. इन्होंने अपनी जिद से अपने पति को सही रास्ता दिखाया. उनकी जिद का ही परिणाम था कि उनके पति को घर में टॉयलेट बनवाने के लिए मजबूर होना पड़ा. अब लक्ष्मी को इनके इस काम के लिए शासन की ओर से सम्मान भी मिल रहा है.
दरअसल झारखंड के धनबाद में भूली के रहने वाले राजेश महतो और उनकी धर्म पत्नी लक्ष्मी देवी की शादी के 11 वर्ष हो गए. दोनों को एक बेटा और एक बेटी है. पूरे परिवार का पालन पोषण मजदूरी के भरोसे था. घर में शौचालय नहीं था. दो माह पहले निगम द्वारा राजेश को शौचालय बनाने के लिए पहली किस्त में 6 हजार रुपए की राशि मिली. लेकिन इस पैसे का उपयोग टॉयलेट बनाने के लिए करने की बजाय राजेश ने एक साधारण मोबाइल के रहते स्मार्ट फोन खरीदने में कर लिया. शौचालय नहीं बनने से दुखी पत्नी लक्ष्मी ने घर में चूल्हा चौका छोड़ पति से बात नहीं करने की ठान ली. आखिरकार अपने भूल का एहसास होने पर पति ने कर्ज लेकर पत्नी को शौचालय गिफ्ट किया तब जाकर विवाद खत्म हुआ.
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जब धनबाद नगर निगम प्रबंधन को लक्ष्मी की इस कहानी का पता चला तो उन्होंने दूसरों को प्रेरित करने के उद्देश्य से इन्हें अपना ब्रांड एम्बेस्डर बनाने और 15 अगस्त पर सम्मानित करने का निर्णय लिया. 2 अक्तूबर 2017 तक धनबाद को ओडीएफ घोषित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.