दरअसल, सीपीआई 15 और सीपीएम 8 सीटों पर महागठबंधन में अपनी हिस्सेदारी चाहती है, लेकिन आरजेडी इस हिस्सेदारी पर तैयार नहीं है. दूसरी तरफ सीपीआई एमएल भी 20 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी ठोंक रही है.
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पटना: महागठबंधन के साथ लेफ्ट पार्टीज चुनाव लड़ेगी या नहीं इसपर संशय बरकरार है. रविवार को संशय तब और गहरा गया जब लेफ्ट पार्टी के नेता बातचीत के लिए आरजेडी ऑफिस जरुर पहुंचे. लेकिन आरजेडी अध्यक्ष और विधायक भोला यादव के साथ 2 घंटों की हुई बातचीत बेनतीजा रही. इतना ही नहीं मीटिंग के बाद लेफ्ट नेता काफी नाराज भी नजर आए.
मीडिया के लगातार सवाल पूछने के बाद सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने जहां कोई जवाब नहीं दिया. वहीं सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय भी पहले बात करने के लिए तैयार नहीं हुए. लेकिन लगातार होते सवालों की बौछार के बाद इतना जरुर कहा कि बातचीत अभी चल रही है. हम महागठबंधन के साथ है.
दरअसल, सीपीआई 15 और सीपीएम 8 सीटों पर महागठबंधन में अपनी हिस्सेदारी चाहती है, लेकिन आरजेडी इस हिस्सेदारी पर तैयार नहीं है. दूसरी तरफ सीपीआई एमएल भी 20 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी ठोंक रही है.
मीटिंग के बाद पार्टी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने लेफ्ट की ओर से 53 सीटें मांगे जाने के सवाल पर कहा कि अभी इसका जवाब नहीं दिया जा सकता. क्योंकि सीटों को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो सका है.
कुल मिलाकर महागठबंधन में लेफ्ट की भूमका को लेकर सवाल बरकरार है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब सहयोगी दलों को साथ लेकर आरजेडी नहीं चल पाएगी तो महागठबंधन का स्वरुप कबतक बरकरार रह पाएगा.