महिला की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने उसे और उसकी मां को टायर के ट्यूब और लकड़ी से नाव बनाकर आसरा से केवटी के सीएचसी ले गए.
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दरभंगा: बिहार में 'सुशासन' की अगर तस्वीर देखने को हो तो, दरंभगा का सफर एक बार जरूर कीजिएगा. क्योंकि यहां से आई एक तस्वीर अपको सरकारी व्यवस्था की लचर स्थिति से जरूर रूबरू करा देगी. दरअसल, बिहार इस समय कोरोना वायरस (Coronavirus) के साथ बाढ़ (Flood) से कराह रहा है.
आलम ये है कि, बाढ़ ने राज्य के कई जिलों को बुरी तरह से अपने चपेट में ले लिया है और लोग पलायन करने को मजबूर हैं. कोई घर के छत पर समय काट रहा है तो कोई, दूसरे सुरक्षित स्थानों पर जाकर अपनी तबाही का मंजर देख रहा है. इस बीच, बिहार के दरभंगा से आई एक तस्वीर सरकारी दावों की कुछ हकीकत जरूर बयां कर सकती है. क्योंकि ये तस्वीर उस लचर व्यवस्था की तस्दीक करती है, जिसके उल्ट दावें सत्तापक्ष के नुमाइंदे अपने हर बयानों में करते हैं.
#WATCH Bihar: Locals took a pregnant woman & her mother on a makeshift boat, made of tyre tube & wooden planks, from a flooded village, Ashara, to Primary Health Centre in Kewti, Darbhanga today. pic.twitter.com/4w9lOt9qRN
— ANI (@ANI) July 21, 2020
दरअसल, दरभंगा भी बिहार के उन जिलों में शामिल है, जहां बाढ़ ने कहर ढाया हुआ है. इस बीच, आसरा में एक गर्भवती महिला के टायर के ट्यूब से अस्पताल जाने की तस्वीर सामने आई है. जानकारी के अनुसार, गर्भवती महिला दर्द से कराह रही थी और उसे अस्पताल जान के लिए नाव की आवश्यकता थी, लेकिन उसे मिल नहीं पाई.
इसके बाद महिला की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने उसे और उसकी मां को टायर के ट्यूब और लकड़ी से नाव बनाकर आसरा से केवटी के सीएचसी (CHC) ले गए. बता दें कि, मधेपुरा, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, खगड़िया, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिलों में नदियां अपने विकराल रूप में लोगों के घर-बार को उजाड़ रही हैं.
वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू के मुताबिक, बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से अभी सीतामढ़ी, दरभंगा व सुपौल जिले में पांच-पांच प्रखंड, शिवहर जिले में तीन प्रखंड, किशनगंज व गोपालगंज में चार प्रखंड, मुजफ्फरपुर व पूर्वी चंपारण के तीन-तीन प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
बिहार में नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 8 जिलों के कुल 32 प्रखंडों की 156 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जहां जरूरत के हिसाब से राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. सुपौल में दो और गोपालगंज में तीन राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 29 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 28,000 लोग भोजन कर रहे हैं.