Lok Sabha Election 2024: सीमांचल... जी हां, ये वहीं इलाका है जहां विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने धमाल मचाते हुए 5 प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित की थी. ओवैसी की पार्टी की इस सेंधमारी से तेजस्वी यादव की पार्टी राजद को खासा नुकसान हुआ था. यह अलग बात है कि ओवैसी की पार्टी के 4 विधायकों को तेजस्वी यादव ने राजद में शामिल करा लिया था, लेकिन चुनावी झटके से उबरना राजद के लिए आसान नहीं था. ओवैसी ने उस इलाके में तेजस्वी यादव को झटका दिया, जो कभी तस्लीमुद्दीन का गढ़ हुआ करता है. राजद का इन इलाकों में सिक्का चलता था. वहीं ओवैसी अब लोकसभा चुनाव में फिर से राजद को झटका दे सकते हैं. बताया जा रहा है इस बार ओवैसी का प्लान सीमांचल और आसपास की 7 सीटों पर चुनाव लड़ने की है. ओवैसी अगर मुसलमानों का थोड़ा बहुत वोट भी अपनी तरफ कर पाने में सफल होते हैं तो यह राजद और कांग्रेस के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा. 


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ओवैसी की एंट्री से यूपी और बिहार में मुसलमानों की राजनीति करने वाले दलों में थोड़ी टेंशन है. ओवैसी की पार्टी अगर खड़ी होती है और मुसलमान वोटों का जरा सा भी बंटवारा करती है तो बिहार में राजद और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को नुकसान हो सकता है. ओवैसी की एंट्री से मुसलमान वोटों का बंटवारा तय माना जा रहा है. अब यह कितना बंटवारा होता है, यह तो वक्त बताएगा. इससे न केवल राजद और सपा को नुकसान होगा, बल्कि इंडिया से हाल में एनडीए में शामिल होने वाले दलों जेडीयू और रालोद को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि ये दोनों दल भी मुस्लिम वोटों में अपनी हिस्सेदारी रखते हैं.


इस समय खासतौर से राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से इंडिया ब्लॉक का उत्तर भारत में मुख्य आधार वोट बैंक मुसलमान और यादव वोटर रह गए हैं. इसमें कोई दोराय नहीं है कि यूपी और बिहार में यादव वोट सपा और राजद के साथ इंटैक्ट हैं. अगर राम मंदिर के नाम पर ध्रुवीकरण होता है तो इंडिया ब्लॉक को इसका चुनावों में नुकसान हो सकता है. अब इसमें अगर ओवैसी अपना उम्मीदवार उतार देते हैं तो इंडिया को सर्वाधिक नुकसान हो सकता है. 


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बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बरेली, संभल, रामपुर और मुरादाबाद के अलावा सहारनपुर में ओवैसी की पार्टी चुनाव लड़ने के मूड में है. वहीं बिहार के सीमांचल इलाके में भी ओवैसी की पैनी नजर है. पिछले विधानसभा चुनाव में सफल होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी के हौसले काफी बुलंद हैं. बताया जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी यूपी में 20 और बिहार में 7 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है.