बिहार वासियों को बहुत जल्द गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने वाली है. यह एक्सप्रेसवे बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगी. यह एक्सप्रेसवे 568 किलोमीटर लंबी और छह लेन वाली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना है, जिसे गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे कहा जाता है.
यूपी के गोरखपुर से होकर बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक यह एक्सप्रेस-वे जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे की लागत 37,000 करोड़ रुपए है.
दरअसल, गोरखपुर और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली कोई सीधी सड़क नहीं है. इसलिए इस सफर को पूरा करने में लगभग 15 घंटे लग गए. हालांकि, इस सड़क के निर्माण के साथ 15 घंटे की यात्रा केवल 6 घंटे में पूरी की जा सकेगी.
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे मार्ग गोरखपुर-सिलीगुड़ी हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे बिहार के आठ जिलों के 39 ब्लॉकों के 313 गांवों से होकर गुजरेगा, जिनमें शामिल हैं. पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज.
एक्सप्रेसवे का कुल 417 किलोमीटर हिस्सा बिहार के भीतर होगा. इस परियोजना के तहत गंडक, बागमती और कोसी सहित प्रमुख नदियों पर कई पुलों का निर्माण किया जाएगा.
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना की अनुमानित लागत 38,645 करोड़ रुपए है, जिसमें बिहार 27,552 करोड़ रुपए का योगदान देगा. एक्सप्रेसवे को 120 किमी प्रति घंटे तक की गति के लिए डिज़ाइन किया गया है. बताया जा रहा है कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की सौगात इसी साल यानी साल 2025 के आखिर में मिल सकता है.
बता दें कि बिहार में जल्द ही चार एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है. इसमें यात्रा को आसान बनाने के लिए गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (568 किमी), रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे (650 किमी रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे), पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (बक्सर से भागलपुर तक 345 किमी) और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे (215 किमी पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस) विकसित किया जाएगा.
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