बाढ़ का दिलचस्प माघ मेला, जहां आस्था के नाम पर होता है अंधविश्वास का खेल
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बाढ़ का दिलचस्प माघ मेला, जहां आस्था के नाम पर होता है अंधविश्वास का खेल

भूत मेला हर प्रकार के लोगों पर व्यापक रूप से असरदार तरीके से माथे पर सवार होता है, जो कि ढोल और मंजीरा की थाप पर लोग कुछ न कुछ हरकत करते नजर आते हैं. लोग एक दूसरे को आशीर्वाद देकर दीर्घायु होने का कामना बांटते नजर आते हैं.

बाढ़ में हर साल लगता है माघ पूर्णिमा पर भूत मेला.

भागलपुर: माघ पूर्णिमा के मौके पर बाढ़ के उत्तरवाहिनी गंगा नदी के किनारे बसे उमानाथ घाट पर प्रत्येक वर्ष जनसैलाब उमड़ पड़ता है. इस बार करीब 5 लाख से ज्यादा जनसैलाब उमड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. प्रशासन की लाख जागरूकता और प्रयास के बाद भी बाढ़ के उमानाथ समेत अगल-बगल के सटे गंगा घाटों पर आस्था का रंगारग नजारा देखने को मिलता है.

गंगा तट पर बसे गौरी शंकर वाराणसी घाट, अलखनाथ घाट, पोस्ट ऑफिस घाट, अजगवीनाथ घाट, श्री घाट, कचहरी घाट जैसी जगहों पर माघ पूर्णिमा का उल्लास देखने को मिलता है. यहां पर बड़े दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु प्रशासन के नार्को तले आस्था के नाम पर अंधविश्वास का खेल खेलते नजर आते हैं. इसलिए इस मेला को भूत मेला का नाम दिया गया है. 

भूत मेला हर प्रकार के लोगों पर व्यापक रूप से असरदार तरीके से माथे पर सवार होता है, जो कि ढोल और मंजीरा की थाप पर लोग कुछ न कुछ हरकत करते नजर आते हैं. लोग एक दूसरे को आशीर्वाद देकर दीर्घायु होने का कामना बांटते नजर आते हैं.

बाढ़ अनुमंडल पदाधिकारी सुमित कुमार ने बैठक में आस्था के नाम पर अंधविश्वास का नाश करने वाले लोगों को सलाह देते हुए जागरूकता फैलाए जाने की बात कही है. हालांकि, आज तक इसका असर देखने को नहीं मिला है. 

स्वयंसेवी संस्था की ओर से जगह-जगह चाय पानी और प्रसाद का स्टॉल लगाकर निशुल्क सेवा प्रदान की जा रही है. नगर परिषद की ओर से भी और अनुमंडल प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं.