महागठबंधन की मीटिंग से लेफ्ट आउट, कांग्रेस बोली- हम अपने हिस्से से नहीं देंगे सीट
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महागठबंधन की मीटिंग से लेफ्ट आउट, कांग्रेस बोली- हम अपने हिस्से से नहीं देंगे सीट

सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण खुलकर बोलते हैं कि बुधवार की बैठक में लेफ्ट को शामिल नहीं किया गया है.

महागठबंधन की मीटिंग से लेफ्ट आउट, कांग्रेस बोली- हम अपने हिस्से से नहीं देंगे सीट

पटना : लोकसभा चुनाव को देखते हुए महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर दिल्ली में अंतिम दौर की बताचीत चल रही है, लेकिन वाम मोर्चा को इस मीटिंग से दूर रखा गया है. लेफ्ट पार्टियों को अभी भी उम्मीद है कि बिहार में वो महागठबंधन के हिस्सा बनेंगे, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस ने लफ्ट को महागठबंधन का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया है. साथ ही आरजेडी ने यह भी कहा है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग होने के बाद ही लेफ्ट से कोई बात हो सकेगी.

महागठबंधन में सीटों की बंटने वाली रेबड़ी में शायद लेफ्ट पार्टियों को बचा-खुचा ही खाने को मिलेगा, क्योंकि महागठबंधन के शीर्ष घटक आरजेडी और कांग्रेस, लेफ्ट को महागठबंधन का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया, जिसके कारण मुश्किलें बढती जा रही हैं. साथ ही महागठबंधन की एकजुटता बनाए रखने का भी टेंशन है.

सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण खुलकर बोलते हैं कि बुधवार की बैठक में लेफ्ट को शामिल नहीं किया गया है. हालांकि हमें उम्मीद है कि महागठबंधन में लेफ्ट को भी शामिल कराया जाएगा. लेफ्ट नेता ने कहा है कि सीपीआई की छह सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है. बेगूसराय से कन्हैया कुमार को चुनाव लड़ाने की तैयारी चल रही है. हालांकि सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है, लेकिन बिना लेफ्ट के बीजेपी को हराना संभव नहीं है. वहीं सीपीआई को सीट शेयरिंग में एक सीट दिये जाने के सवाल पर सत्यनारायण ने कहा कि एक या दो सीट की बात नहीं है. सम्मानजनक समझौता होना चाहिए.

वहीं, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि बिहार में लेफ्ट को अपने कोटे से सीट नहीं देगी. पार्टी के प्रवक्ता हरखू झा ने कहा है कि कांग्रेस के साथ लेफ्ट का बिहार में कभी समझौता नहीं रहा है. 1989 के पार्लियामेंट चुनाव से लेफ्ट बिहार में कांग्रेस के खिलाफ रही. 1990 से 98 तक आरजेडी के साथ लेफ्ट पार्टी का समझौता जरुर रहा, लेकिन 1998 के बाद दोनों की राहें अलग अलग हो गयीं.

कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि जहां तक आज का सवाल है तो लेफ्ट को सीट लालू यादव अपने कोटे से देंगे. कांग्रेस खुद 12 से 14 सीट पाने के लिए संघर्ष कर रही है. ऐसे में कांग्रेस अपने कोटे से लेफ्ट को सीट नहीं देगी. पूरे देश में महागठबंधन का स्वरुप सिर्फ तामिलनाडू में ही साकार हो सका है, जहां लेफ्ट को दो सीटें मिली हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने सीट शेयरिंग को लेकर लेफ्ट की ओर से किये जा रहे दावों पर भी चेतावनी दी कि अगर किसी को महागठबंधन में आना है तो अपने अहंकार और शर्त को छोड़कर आए.

आरजेडी ने लेफ्ट अपना रुख भी स्पष्ट कर दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लेफ्ट को इग्नोर करने का सवाल ही नहीं है, क्योंकि दोनों का लक्ष्य एक ही है. जहां तक सीट शेयरिंग का सवाल है तो लेफ्ट फिलहाल महागठबंधन में नहीं है. पहले हम महागठबंधन स्तर पर सीट शेयरिंग करेंगे. उसके बाद लेफ्ट से बातचीत होगी. क्योंकि उन्हें हमारे ही कोटे में से मिलनी है. लेफ्ट नेताओं ने हमारी बातचीत हुई है. हमने लालू प्रसाद को लेफ्ट नेताओं की भावना से अवगत करा दिया है.

सीट शेयरिंग के गहमागहमी के बीच सीपीआई और सीपीआईएमएल ने अपने राज्य कमिटि की बैठक 17 मार्च को बुला ली है. 17 मार्च को लेफ्ट पार्टी ये तय कर लेगी कि उन्हें महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ना है या फिर अकेले मैदान में उतरना है.