बिहारः नीतीश कुमार के खिलाफ महागठबंधन का राजभवन मार्च, नहीं शामिल हुए बड़े नेता
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बिहारः नीतीश कुमार के खिलाफ महागठबंधन का राजभवन मार्च, नहीं शामिल हुए बड़े नेता

महागठबंधन के नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अमर्यादित बयान के लिए माफी मांगने के निर्देश देने की मांग की गई है. 

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'सड़क छाप' वाले बयान के विरोध में बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन के नेताओं ने राजभवन मार्च किया. महागठबंधन के नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अमर्यादित बयान के लिए माफी मांगने के निर्देश देने की मांग की गई है. 

हालांकि, इस पदयात्रा में किसी भी पार्टी के बड़े नेता शामिल नहीं हुए. राजद, कांग्रेस के अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी), लोजद के लोग पटना के इनकम टैक्स गोलंबर के पास इकट्ठा हुए और वहां से 'विरोध मार्च' शुरू किया.

विरोध मार्च के हड़ताली मोड़ पर पहुंचने के बाद इसमें शामिल लोगों को जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो ये लोग हंगामे पर उतर आए. बाद में, सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राजभवन गया, जहां राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया. 

विरोध मार्च में शामिल राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि नीतीश कुमार लोकतंत्र में ऊंचे पदों पर बैठे हुए हैं, लेकिन वे शब्दों की मर्यादा तोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन के नेताओं को सड़क छाप कह रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

गौरतलब है कि सोमवार को नीतीश कुमार ने लोकसंवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों द्वारा महागठबंधन के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि किसी को भी सड़क से उठाकर महागठबंधन में शामिल कर लिया जा रहा है.

नीतीश के इस बयान को विपक्ष ने आत्मसम्मान का मुद्दा बनाते हुए मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग की है.