पटना : शौचालय से महरूम है मनेर का यह स्कूल, खुले में शौच जाने को मजबूर बच्चे
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पटना : शौचालय से महरूम है मनेर का यह स्कूल, खुले में शौच जाने को मजबूर बच्चे

स्कूल में सफाई को लेकर दिवारों को स्लोगन से पाट दिया गया है, लेकिन स्कूल में सफाई कितनी इसका अंदाजा इसी बात से लगे सकते हैं कि बीते दो वर्षों से स्कूल में शौचालय नहीं है.

मनेर के इस स्कूल में बीते दो वर्षों से शौचालय नहीं है.

पटना : केन्द्र और राज्य की सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर कई कार्यक्रम चला रही है. यहां तक कि सरकार के नुमाइंदे गांव-गांव घूमकर लोगों को शौचालय बनाने की अपील कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है ये राजधानी पटना से सटे मनेर प्रखंड में जाकर आपको पता चलेगा. जो सरकार गांव-गांव शौचालय बनवाने को लेकर काम कर रही है, उसी सरकार के सरकारी स्कूल में ही शौचालय नहीं है.

सफाई का रखे पूरा ध्यान तभी होगा रोगों का निदान... खाने से पहले शौच के बाद साबुन या राख से जरूर धोएं अपना हाथ... सफाई से जुड़े ये स्लोगन एक सरकारी स्कूल की दिवार पर लिखें हैं, ताकि यहां पढ़ने वाले बच्चे सफाई को अपनाएं. 

पटना जिला के मनेर के मुंजीटोला स्थित नवसृजित प्राथमिक स्कूल में सफाई को लेकर दिवारों को स्लोगन से पाट दिया गया है, लेकिन स्कूल में सफाई कितनी इसका अंदाजा इसी बात से लगे सकते हैं कि बीते दो वर्षों से स्कूल में शौचालय नहीं है. ऐसे में स्कूल की शिक्षिकाओं से लेकर छात्र-छात्राओं तक को खुले में शौच जाना पड़ता है. इस बाबत जब शिक्षकों से पूछा गया तो उनका कहना था कि दो साल से शौचालय के लिए सरकार को अवगत करा रहें हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

उनका कहना है कि प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान को लेकर जिस तरह सरकारी तंत्र जगह-जगह घूमकर शौचालय निर्माण करने की अपील कर रहे हैं, एक बार हमारे इस स्कूल का भी भ्रमण कर लें शायद हमारी समस्या दूर हो जाए.

इस स्कूल के छात्राओं का कहना है कि खूले में शौच जाने पर काफी शर्म आती है, लेकिन शौचायल नहीं होने के कारण मजबूरी में शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. सिर्फ छात्र-छात्राओं को नहीं, बल्कि स्कूल के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं और स्टाफ को भी खुले में शौच जाना पड़ता है.

स्थानीय लोगों की माने तो उन्हें टीवी और अखबारों में छपे विज्ञापनों और सरकारी संदेशों से पता चलता रहता है कि खुले में शौच बिमारियों का घर है. स्वच्छता अभियान को अपनाते हुए खुले में शौच करना नहीं चाहते, लेकिन सरकारी स्कूल ही शौचालय से वंचित है तो घरों में शौचालय कहां से होगा.