मनीषा दयाल से जुड़ा नया खुलासा, गैर कानूनी रूप से ठेका लेकर की गई लाखों की निकासी
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मनीषा दयाल से जुड़ा नया खुलासा, गैर कानूनी रूप से ठेका लेकर की गई लाखों की निकासी

गैर कानूनी रूप से ठेका हासिल करने के बाद मॉस्टररॉल बनाकर लाखों रुपये की निकासी कर ली गई. 

मनीषा दयाल को लखीसराय में गैरकानूनी तरीके से मनरेगा के तहत पौधारोपण का ठेका भी दिया गया था. (फाइल फोटो)

लखीसराय: बिहार के पटना आसरा गृह कांड में धीरे-धीरे मनीषा दयाल से जुड़े कई खुलासे हो रहे हैं. अब नया खुलासा ये हुआ है कि मनीषा दयाल को लखीसराय में गैरकानूनी तरीके से मनरेगा के तहत पौधारोपण का ठेका भी दिया गया था. इतना ही नहीं गैर कानूनी रूप से ठेका हासिल करने के बाद मॉस्टररॉल बनाकर लाखों रुपये की निकासी कर ली गई. 

यह गबन उस समय हुआ था जब मुंगेर के आयुक्त एसएम राजू और लखीसराय के डीएम सुनील कुमार थे. गबन का खुलासा होते ही कोर्ट के आदेश पर मनीष दयाल के खिलाफ फरवरी 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई. मनीषा दयाल के एनजीओ ग्रीन लीफ इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को लखीसराय में पौधारोपण के लिए पौधे सप्लाई करने का दो बार ठेका मिला.

पहली बार जब एसएम राजू मुंगेर के कमिशनर थे. फिर वर्ष 2016-17 में तत्कालीन डीएम सुनील कुमार के कार्यकाल के दौरान लाखों के पौधे सप्लाई करने का ठेका मिला. फरवरी 2018 में आरटीआई कार्यकर्ता टुनटुन प्रसाद सिंह ने इस मामले को उठाया भी भी लेकिन प्रभाव से दब गया.

मनीस दयाल की कम्पनी ग्रीन लीफ इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को सरकार से केवल करंज का पौधा आपूर्ति करने की अनुमति मिली थी. लेकिन तत्कालीन डीएम सुनील कुमार के कार्यकाल के दौरान ग्रीन लीफ इनर्जी से हर तरह के पौधे लिए गए. हलांकि तत्कालीन डीडीसी रमेश कुमार ने कंपनी की गड़बड़ी पकड़ते हुए पौधा आपूर्ति लेने से मना कर दिया था. कंपनी के विरूद्ध रिपोर्ट भी की थी. बावजूद रिपोर्ट को दबाकर तत्कालीन डीएम ने कंपनी को ठेका दे दिया. 

आपको बता दें कि पटना आसरा गृह में दो लड़कियों की मृत्यु के बाद संचालिका मनीषा दयाल और संचालक चिरंतन से पूछताछ की गई है. अभी इस मामले को लेकर दोनों से और भी पूछताछ की जा सकती है.