मांझी ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. जीतन राम मांझी ने अपनी इच्छा जताई है कि राज्यसभा और विधान परिषद जा सकते हैं.
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पटना: महागठबंधन से अलग हो कर एनडीए में शामिल हुए हम प्रमुख जीतनराम मांझी (Jitanram manjhi) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election) नहीं लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने एनडीए के सामने राज्यसभा और विधान परिषद जाने की ईच्छा जताई है और कहा कि जनता, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री चुनाव लड़ने को कहेंगे तब विचार करूंगा.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी महागठबंधन से नाता तोड़कर अब एनडीए का हिस्सा हो गए हैं लेकिन माझी की पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी इस पर कोई अभी खुलासा नहीं हुआ है.
मांझी ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. जीतन राम मांझी ने अपनी इच्छा जताई है कि राज्यसभा और विधान परिषद जा सकते हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जीतन राम मांझी पर दिए गए बयान को लेकर मांझी ने कहा कि एनडीए का मामला था और बीजेपी जेडीयू कोई भी काम सहमति से करते हैं और किसी की आने पर भी सहमति बनती है. नीतीश कुमार जो बोले हैं वह ठीक बोले हैं कि दोनों की सहमति से बात बनी है. NDA में आने से पहले जेडीयू और बीजेपी के बड़े नेताओं के संपर्क में जीतन राम मांझी थे.
मांझी ने कहा कि आरजेडी में तानाशाह रवैया था और गड़बड़ हो रहा था. इसके बारे में रघुवंश प्रसाद सिंह ने पहले ही कहा था और उसी बात को दूर करने के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग हमने की थी. जब बात नहीं मानी गई तो निश्चित रूप में वहां से हटने का मन बनाया बेस्ट ऑप्शन एनडीए था और नीतीश कुमार थे.
चिराग पासवान के नाराजगी पर मांझी ने कहा इस नाराजगी को मैं नाराजगी नहीं मानता हूं. एनडीए के सहयोगी हैं और उनके पिता रामविलास पासवान केंद्र में मंत्री हैं. ऐसी परिस्थिति में वह अपनी बात मनवाने के लिए कुछ ऐसे बयान देते हैं.