सीट बंटवारे से मांझी संतुष्ट, पासवान से मतभेदों पर लगाया विराम
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सीट बंटवारे से मांझी संतुष्ट, पासवान से मतभेदों पर लगाया विराम

पहले की गई पेशकश से ज्यादा सीटें मिलने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजग सहयोगियों के बीच हुए सीट बंटवारे से वह ‘पूरी तरह संतुष्ट’ हैं। मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी  के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से अपने कथित मतभेदों पर विराम लगाने की भी कोशिश की ।

सीट बंटवारे से मांझी संतुष्ट, पासवान से मतभेदों पर लगाया विराम

नई दिल्ली : पहले की गई पेशकश से ज्यादा सीटें मिलने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजग सहयोगियों के बीच हुए सीट बंटवारे से वह ‘पूरी तरह संतुष्ट’ हैं। मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी  के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से अपने कथित मतभेदों पर विराम लगाने की भी कोशिश की ।

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्यूलर (हम-सेक्यूलर) के अध्यक्ष मांझी ने कहा, ‘भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से घोषित सीट साझेदारी के मुद्दे पर फैसले से मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं । हम सब राजग की जीत के लिए काम कर रहे हैं और सीट साझेदारी पर हुआ फैसला सभी को स्वीकार्य है ।’ सीट साझेदारी समझौते के तहत हम-सेक्यूलर को 20 सीटें दी गई हैं । पार्टी के कुछ नेता भाजपा के चुनाव चिह्न पर भी लड़ेंगे । 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव को लेकर मांझी की पार्टी को पहले 13-15 सीटों की पेशकश की गई थी, लेकिन उनकी नाराजगी के बाद उन्हें 20 सीटें दी गई हैं ।

यह पूछे जाने पर कि वह लोजपा, जिसके एक भी विधायक बिहार विधानसभा में नहीं हैं, से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए क्यों तैयार हुए, इस पर मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी ने शाह के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था लेकिन उनकी ओर से घोषित निर्णय को स्वीकार किया गया है । जारी

मांझी ने कहा, ‘उन्होंने जो भी निर्णय किया है, वह सही है । हमने इसे स्वीकार कर लिया है । हम संतुष्ट हैं । गठबंधन में शर्तें नहीं होती ।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन बिना शर्त दिया था और उन्हें (भाजपा) कहा था कि यदि एक भी सीट की पेशकश नहीं की जाती, तो भी मैं राजग में ही रहूंगा ।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीट साझेदारी फार्मूले की घोषणा में इसलिए देरी हुई क्योंकि उनकी पार्टी के कोर ग्रुप के कुछ सदस्य पटना में थे ।

बातचीत के दौरान मांझी ने पासवान की पार्टी को दी जाने वाली सीटों के बराबर सीटों की मांग की थी । मांझी ने दावा किया था कि वह पासवान से बड़े दलित नेता हैं । यह पूछे जाने पर कि क्या पासवान से उनके मतभेद खत्म हो गए, इस पर मांझी ने कहा, ‘उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें मुझसे कोई शिकायत नहीं है और एक विमान यात्रा के दौरान उन्होंने सारी बातें बताई । मामला यहीं खत्म होता है ।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह समझते हैं कि लोजपा को एक परिवार चला रहा, इस पर मांझी ने कहा, ‘यदि कोई परिवार राजनीति में रहने के लिए सक्षम है तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।’ यह पूछे जाने पर कि उनके और पासवान में बड़ा नेता कौन है, इस पर ‘हम-से’ के नेता ने कहा, ‘यह तय करना लोगों का काम है ।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, इस पर मांझी ने कहा, ‘मैं इस पर विचार कर रहा हूं । मैं जल्द ही फैसला करूंगा ।’