नियुक्ति पर विवाद के बाद मांझी के दामाद ने पीए पद से दिया इस्तीफा
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नियुक्ति पर विवाद के बाद मांझी के दामाद ने पीए पद से दिया इस्तीफा

बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा अपने दामाद को निजी सहायक तथा एक अन्य रिश्तेदार को अपना आदेशपाल नियुक्त किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। बुधवार को जब मामला मीडिया में उछला तो आनन-फानन में देवेंद्र ने खुद ही इस्तीफा दे दिया।

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा अपने दामाद को निजी सहायक तथा एक अन्य रिश्तेदार को अपना आदेशपाल नियुक्त किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। बुधवार को जब मामला मीडिया में उछला तो आनन-फानन में देवेंद्र ने खुद ही इस्तीफा दे दिया।

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग द्वारा इसी वर्ष जून महीने में जारी एक अधिसूचना के अनुसार मांझी ने अपने दामाद देवेंद्र कुमार को अपने निजी सहायक के तौर पर नियुक्त किया है। देवेंद्र को 9300-34800 के पुनरीक्षित वेतनमान पर नियुक्त किया गया है। मांझी के एक अन्य रिश्तेदार सत्येंद्र कुमार को 6200-20200 के पुनरीक्षित वेतनमान पर नियुक्त किया गया है।

मांझी के दामाद और उनके रिश्तेदार को उनका निजी सहायक और आदेशपाल नियुक्त किया जाना राज्य सरकार के 23 मई 2000 को जारी एक अधिसूचना का उल्लंघन है जिसमें यह कहा गया था कि सरकार ने निर्णय लिया है कि मंत्री, राज्य मंत्री अथवा उपमंत्री के सगे-संबंधी उनके आप्त सचिव या निजी कर्मी के रूप में नहीं नियुक्त किए जाएं।

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के तत्कालीन सचिव गिरीश शंकर द्वारा हस्ताक्षरित उक्त अधिसूचना में यह भी कहा गया था कि यह महसूस किया गया है कि यदि मंत्री, राज्य मंत्री अथवा उपमंत्री के सगे-संबंधी उनके आप्तसचिव अथवा निजी कर्मी के रूप में नियुक्त हो जाएं तो उससे सरकारी कामकाज प्रभावित होने की आशंका है। अधिसूचना में यह भी कहा गया था कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि किसी मामले में सगे-संबंधी की नियुक्ति हो गयी हो तो उसे तत्काल समाप्त कर दिया जाए।

पटना स्थित पुराने सचिवालय में आज आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मांझी के अपने कक्ष से बाहर निकलने पर उनसे इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘हम लोगों पर इस तरह के आरोप लगते रहते हैं। यह कोई मुद्दा नहीं है।’ पत्रकारों द्वारा यह बताए जाने कि यह सरकार के साल 2000 के आदेश का उल्लंघन है तो मांझी ने कहा ‘वह इसे देख लेंगे।’

मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा गत चार जून को जारी एक अधिसूचना के अनुसार देवेंद्र कुमार और सत्येंद्र कुमार सहित मांझी के छह निजी कर्मी नियुक्त किए गए थे। देवेंद्र कुमार इंजीनियरिंग के स्नातक हैं जबकि सत्येंद्र कुमार स्नातकोत्तर हैं। मुख्यमंत्री के अपने रिश्तेदारों अपना निजी कर्मी बनाए जाने की अन्य दलों की ओर से प्रतिकूल प्रतिक्रिया आयी है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इससे परिलक्षित होता है कि जदयू सरकार में कितना भ्रष्टाचार व्याप्त है। बिहार विधानसभा राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि राजनीति में हरेक को ‘लोक लाज’ का पालन करना चाहिए। अपने कार्यकाल के दौरान हम प्रामाणिक प्रति जमा करते थे कि किसी भी रिश्तेदार की नियुक्ति नहीं की गयी है।

मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार को एक टीवी चैनल पर यह कहते हुए दिखाया गया है कि वे घर और कार्यालय में मुख्यमंत्री के साथ अलग-अलग व्यवहार करते हैं। देवेंद्र ने कहा, ‘कार्यालय में होने के समय वे अन्य कर्मियों की तरह अनुशासन का पालन करते हैं। हम उनका कार्यालय में पांव नहीं छूते हैं। जब घर लौटते हैं तब हम एक दामाद के तौर पर व्यवहार करते हैं।’

दिल्ली गए नीतीश से मांझी द्वारा की गयी इस नियुक्ति के बारे में पूछे जाने पर उस पर कोई टिप्पणी देने से बचते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री मांझी पर प्रहार करते हुए इसे ‘घोर अनैतिक’ बताया। बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने कहा कि इन नियुक्तियों को शीघ्र रद्द किया जाना चाहिए और इन्हें वेतन के तौर पर पूर्व में दी गयी राशि मुख्यमंत्री के वेतन से काटी जानी चाहिए।