मधुबनी: हजारों ग्रामीण झेल रहे बाढ़ का कहर, एक पुल नहीं बनने से लोग हो रहे परेशान
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मधुबनी: हजारों ग्रामीण झेल रहे बाढ़ का कहर, एक पुल नहीं बनने से लोग हो रहे परेशान

भुतही बलान नदी का पुल टूटने से घोघरडीहा प्रखंड के कालीपुर ,धनखोर ,परसा समेत आधे दर्जन गावों के हजारों लोग प्रभावित होते है. 

 1987 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ में भुतही बलान नदी का पुल टूट गया था.

मधुबनी: बिहार के मधुबनी के कई इलाकों में बाढ़ का कहर हजारों ग्रामीण झेल रहे हैं. घोघरडीहा प्रखंड के भुतही बलान का कहर इलाके के लाखों लोगों पर कई सालों से टूटता रहा है. लोग यहां बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे है. आपको बता दें साल 1987 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ में भुतही बलान नदी का पुल टूट गया था. कई साल बीत गए लेकिन बावजूद इसके ये पुल नहीं बन सका.
 
भुतही बलान नदी का पुल टूटने से घोघरडीहा प्रखंड के कालीपुर ,धनखोर ,परसा समेत आधे दर्जन गावों के हजारों लोग प्रभावित होते है. सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती . इसलिए ग्रामीणों ने चन्दा जमा कर चचरी पुल बनवाया जो बाढ़ में बह गया. अब इलाके के यातायात का एक मात्र साधन नाव है जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है.

 

ग्रामीणों का कहना है कि भुतही बलान नदी पर टूटे हुए पूल को तीस साल से ज्यादा हो गए है. लेकिन कोई सांसद और विधायक इसकी सुध लेने को तैयार नहीं है. जनप्रतिनिधि चुनाव के समय सिर्फ वोट मांगने आते है.  जीतने के बाद कभी हाल जानने नहीं आते. जनवरी महीने में एक कार्यक्रम में सूबे के मुखिया घोघरडीहा पहुंचे थे. उन्होंने जल्द पुल बनाने का आश्वासन दिया लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी पुल बनाने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ.

इस पूरे मामले पर डीएम का कहना है कि सीएम का पुल बनाने की घोषणा के बाद जल्द पुल बनाने का निर्देश दिया गया. निविदा की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है. शीघ्र पुल बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. बाढ़ की वजह से थोड़ी देर हो रही है.

हांलकि अब ये देखना होगा कि सीएम की घोषणा के बाद भी इलाके के लोगों की समस्या कब दूर होती है. हालांकि इलाके के सांसद और विधायक दोनों जेडीयू के ही हैं. सत्ता पर काबिज होने के बाद भी लोगों की समस्या दूर नहीं हो रही. जिससे ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है.