चतरा : विकास में बाधक बने नक्सली, लेवी के लिए रोका पुल का निर्माण कार्य
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चतरा : विकास में बाधक बने नक्सली, लेवी के लिए रोका पुल का निर्माण कार्य

ग्रामीणों का कहना है कि नक्सलियों का खौफ इतना अधिक है कि उनके विरुद्ध कोई भी कुछ बोलना नहीं चाहता है. 

विकास में बाधक बन रहे हैं नक्सली. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चतरा : एक तरफ पुलिस नक्सलियों के खात्मे के लिए लगातार अभियान चला रही है तो वहीं, नक्सली लागातर विकास के काम में बाधक बने हुए हैं. जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर स्थित चक-डुमरवार गांव लाल आतंक के गढ़ के नाम से जाना जाता था. इस गांव में दस वर्ष पूर्व नक्सलियों ने आर्थिक नाकेबंदी कर दी थी. सरकार और प्रशासन के अथक प्रयास के बाद इसे आर्थिक नाकेबंदी से मुक्त कराया गया था. विकास कार्य में बाधक बने नक्सलियों ने सीमावर्ती क्षेत्र के इस गांव में चतरा और पलामू को जोड़ने वाली नदी पर पुल निर्माण पर ग्रहण लगा दिया है.

प्रतापपुर प्रखंड से पलामू जिले को जोड़ने वाली सड़क के मार्ग में बन रहे पुल निर्माण पर उग्रवाद का ग्रहण लग गया है. ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्ष पूर्व इस नदी पर पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था, लेकिन नक्सलियों के द्वारा लेवी की मांग के बाद काम बंद करना पड़ा.

ग्रामीणों का कहना है कि आज भी इस पुल का सिर्फ ढांचा ही खड़ा हो पाया है, वह भी आधा-अधूरा. नक्सलियों का खौफ इतना अधिक है कि उनके विरुद्ध कोई भी कुछ बोलना नहीं चाहता है. 

चतरा जिला का डुमरवार तथा पलामू का चक गांव दोनों ही सीमावर्ती क्षेत्र के अंतर्गत आता है. कभी यह क्षेत्र भाकपा माओवादी संगठन का कथित राजधानी के नाम से जाना जाता था, लेकिन वर्तमान समय में यहां पुलिस पिकेट बन जाने से उग्रवाद पर कुछ अंकुश जरूर लगा है. ग्रामीण आज भी अतीत को नहीं भूल पाए हैं. उग्रवाद के कहर और उनके कोप भाजन का शिकार बनने का भय इनके चेहरे पर आज भी देखने को मिल जाता है. यही कारण है कि सबकुछ जानकर भी यहां के ग्रामीण अपना मुंह खोलना नहीं चाहते हैं.

आज भी यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है. इस क्षेत्र में बसने वाले आदिवासी और आदिम जनजाति के लोग विकास की किरणों से कोसों दूर हैं. जनप्रतिनिधि, विधायक और सांसद यहां आना भी मुनासिब नहीं समझते हैं. इस पुल के निर्माण से चतरा और पलामू की दूरी बहुत कम हो जाएगी. दर्जनों गांव का संपर्क बरसात में भी बना रहेगा.

जिला के एसपी अखिलेश वी वारियर का कहना है कि किसी भी संवेदक से नक्सली लेवी मांगता है तो इसकी तुरन्त सूचना पुलिस को दें. पुलिस सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम कर विकास कार्य को पूर्ण कराएगी.