तेजस्वी बोले - अभी तक पीएम मोदी के शपथ ग्रहण का निमंत्रण नहीं मिला, अगर मिला तो...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में गुरुवार को वीवीआईपी सहित 8,000 अतिथि शामिल होंगे. आरजेडी नेता तेजस्वी का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में गुरुवार को वीवीआईपी सहित 8,000 अतिथि शामिल होंगे. यह अब तक की सर्वाधिक संख्या होगी. अब से पहले, इस तरह के समारोहों में 4,500-5,000 अतिथि शरीक हुए थे. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी कार्यक्रम में शामिल होंगे. उधर, आरजेडी नेता तेजस्वी का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला.
तेजस्वी ने कहा कि अगर निमंत्रण मिलता है तो पार्टी तय करेगी कि जाना है या नहीं. तेजस्वी ने यह प्रतिक्रिया राबड़ी देवी के आवास पर बिहार में महागठबंधन की करारी हार के बाद हुई बैठक के दौरान दी. बैठक में कोई भी कांग्रेसी नेता शामिल नहीं हुआ. बैठक में शामिल वही जीतन राम मांझी भी नहीं रहे. इस बैठक में अपना प्रतिनधि भेजा.
आखिरकार बिना कांग्रेस के हीं बैठक शुरू हुई. बैठक में तेजस्वी यादव,राबड़ी देवी, शरद यादव,उपेन्द्र कुशवाहा,मुकेश सहनी मौजूद थे. जीतनराम मांझी भी इस बैठक से दूर रहे उनके तरफ से उनके बेटे विधान पार्षद संतोष सुमन और प्रदेश अध्यक्ष बीएल बैसंत्री शामिल हुए.
तेजस्वी यादव ने कहा, "चुनाव हारे हैं लेकिन हौसला नहीं हारे हैं. चुनाव में हार-जीत लगी रहती है, इससे हम लोग घबराने वाले नहीं हैं. यह अंतिम हार नहीं है. हम लोग एकजुट होकर मुकाबला करेंगे. एनडीए ने जनता को भ्रमित करने का काम किया. एनडीए के लोगों ने जो भ्रमजाल फैलाया, उसकी सच्चाई जनता को बताएंगे. इसके लिए राजद की ओर से टीम गठित की गई है. टीम जांच के लिए गांव-गांव जाएगी और सच्चाई जानेगी. टीम के अध्यक्ष जगदानंद सिंह हैं."
तेजस्वी ने बैठक में कांग्रेस के शामिल नहीं होने से किनारा करते हुए कहा कि महागठबंधन में कोई फूट नहीं है. हमलोग एकजुट हैं और कांग्रेस के नेतृत्व में दिल्ली में होने वाली बैठक में आरजेडी भी शामिल होगी. वहां से आरजेडी को न्यौता मिला. उन्होंने कहा कि हमारी राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अहमद पटेल से बात भी हुई है. दो-तीन दिनों में दिल्ली में बैठक होने वाली है. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए के नेताओ पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया तो हार का ठीकरा मीडिया पर भी फोड़ा. अपने दो विधायक और एक एमएलसी को जेडयू में जाने पर कहा कि वो चुनाव से पहले ही पार्टी से अलग हो गए थे.
लोकसभा चुनाव 2019 में राज्य की 40 सीटों में एनडीए ने 39 सीटों पर जीत हासिल की. गठबंधन को सिर्फ किशनगंज सीट पर जीत मिली. आरजेडी के इतिहास में यह पहला मौका था, जब पार्टी का एक भी सांसद नहीं चुना गया तो महागठबंध की भी दूसरे सहयोगियों का खता नहीं खुला. अब कांग्रेस जिस तरह से इस बैठक में शामिल नहीं हुई है, उससे यह साफ है कि आगे आने वाले दिनों में महागठबंधन से कांग्रेस की राह अलग हो सकती है.
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