बिहार में लू का तांडव, एक ही श्मशान घाट पर तीन दिन में पहुंचे 300 से अधिक शव
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बिहार में लू का तांडव, एक ही श्मशान घाट पर तीन दिन में पहुंचे 300 से अधिक शव

 हिट स्ट्रोक का कहर गया में 16 साल के बाद देखने को मिला है जिसमे पूरे जिले में अभी तक 300 से अधिक लोगो को अपने चपेट में ले लिया है और हालात ऐसे हैं कि लोगों का दाह संस्कार करने के लिए शमशान घाट भी छोटा पड़ रहा है.  

चौंकाने वाली बात है कि पहुंच रहे शवों में ज्यादातर लू के ही शिकार हैं.

जय कुमार, गया: बिहार में हिट स्ट्रोक के लगातार बढ़ते प्रभाव से जहां लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं इस हिट स्ट्रोक से कितने लोग इसके चपेट में आ चुके हैं और बीमारी से ग्रसित हैं. हिट स्ट्रोक का कहर गया में 16 साल के बाद देखने को मिला है जिसमे पूरे जिले में अभी तक 300 से अधिक लोगो को अपने चपेट में ले लिया है और हालात ऐसे हैं कि लोगों का दाह संस्कार करने के लिए शमशान घाट भी छोटा पड़ रहा है.  

शनिवार से गया के विष्णुपद श्मशान घाट पर शवों को लाने का सिलसिला जारी है. तीन दिनों में मगध मेडिकल में मौत का सरकारी आकंड़ा 35 से 40 बताया जा रहा है. वहीं, विष्णुपद श्मशान घाट के आंकड़े चौंका देने वाले हैं. जी हां यहां अबतक 300 शवों को जलाया गया है और चौंकाने वाली बात है कि इनमें ज्यादातर लू के ही शिकार थे.

विष्णुपद श्मशान घाट पर आम दिनों की अपेक्षा बहुत ज्यादा शव पहुंच रहे हैं. यहां शनिवार को 80 और रविवार को 90 शव लाए गए हैं. वहीं सोमवार को भी 85 शव जलाए गए हैं. लू के कारण हो रही मौत के कारण संख्या बढ़ी है. शव सुबह के तीन बजे से ही आने लगते हैं और रात दस बजे तक क्रम चलता रहता है. ऐसा यहां पहली बार हो रहा है.

विष्णुपद श्मशान घाट पर औसतन रोजाना 10 से 15 के बीच शवों का अंतिम संस्कार होता है, लेकिन पिछले तीन दिनों के भीतर के आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. 72 घंटे के भीतर 300 के आस-पास चिताएं सजी और अंतिम संस्कार किया गया. मरने वालों में अधिकांश लू से पीड़ित लोग बताए गए हैं, वहीं और मौतें विभिन्न कारणों से हुई हैं.
 
विष्णुपद श्मशान घाट में चिताओं को अंतिम संस्कार के कर्म में लगे कफन बेचने वाला ने बताया कि रोजाना दस से पंद्रह शव आते थे, अब यह संख्या काफी बढ़ गई है.  बताया कि और भी शव आए हैं, जिसका अंतिम संस्कार संध्या और रात्रि की पहर में होगा. उन्होंने कहा कि, लू से अधिकांश लोग की मौत हो रही है और ज्यादातर ऐसे मृतकों के शव ही पहुंच रहे हैं. 

विष्णु की नगरी गया धाम मोक्ष धाम के रूप में विख्यात है. इसे लेकर लोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए विष्णुपद श्मशान घाट को चुनते हैं. पिछले तीन दिनों के अंदर लाशें जलाए जाने के मामले में बताया जा रहा कि इसमें गया के अलावे दूसरे जिले अथवा अन्य क्षेत्र से भी शव लाए गए.