झारखंड: शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को पहुंचेंगे रांची, पार्टी के सदस्यता अभियान की करेंगे समीक्षा
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झारखंड: शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को पहुंचेंगे रांची, पार्टी के सदस्यता अभियान की करेंगे समीक्षा

इस साल झारखंड में विधानसभा चुनाव होना है उससे पहले सूबे में बीजेपी ने 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है. हर बूथ पर 200 सदस्य बनाने का लक्ष्य है और सक्रिय सदस्य बनने के लिए 25 सदस्य बनाना होगा. 

शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को रांची पहुंच कर पार्टी के सदस्यता अभियान की समीक्षा करेंगे.

रांची: बीजेपी के राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को रांची पहुंच कर पार्टी के सदस्यता अभियान की समीक्षा करेंगे बूथ पर जाकर सदस्य बनाएंगें साथ ही सदस्यता से शिवराज सत्ता वापसी का भी टिप्स पार्टी कार्यकर्ता को देगें. अपने सदस्यता प्रभारी के दौरे को लेकर बीजेपी कार्यकर्ता उत्साहित है तो विपक्ष की भी नजर है. विपक्ष की मानें तो जो शिवराज एमपी में अपनी सत्ता नहीं बचा पाए वो रघुवर सरकार को सत्ता वापसी का क्या टिप्स देगें.

इस साल झारखंड में विधानसभा चुनाव होना है उससे पहले सूबे में बीजेपी ने 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है. हर बूथ पर 200 सदस्य बनाने का लक्ष्य है और सक्रिय सदस्य बनने के लिए 25 सदस्य बनाना होगा. राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी शिवराज सिंह चौहान झारखंड में चुनाव में जाने से पहले सदस्यता अभियान की समीक्षा करेंगे और बूथ पर जाकर सदस्य बनाएंगें.

चुनावी मौसम है ऐसे में एक दूसरे के दल की हर गतिविधि पर विरोधियों की भी नजर है. तभी तो शिवराज के झारखंड दौरे और सदस्य बनाने के लक्ष्य पर जेएमएम नेता, बीजेपी पर हमलावर हो रहे हैं.जेएमएम की मानें तो जो शिवराज एमपी में अपनी सत्ता बचा नहीं पाए वो झारखंड में बीजेपी को सत्ता वापसी का क्या टिप्स देगें.

जेएमएम ने सदस्यता अभियान के बहाने बीजेपी और बीजेपी नेता पर हमला बोला तो बीजेपी भी आक्रामक हो गयी. बीजेपी प्रवक्ता ने पूछा जिस शिबू सोरेन के नाम पर जेएमएम के नेता राज्य में वोट मांगते थे वो अब चुनाव हार चुके हैं. साथ ही जेएमएम को बीजेपी पर बात नहीं करने की नसीहत भी दे रहे हैं.

चुनावी तैयारी में जुटी बीजेपी अपने सांगठनिक गतिविधि को भी रफ्तार देने में जुटी है. बीजेपी के झारखंड में अधिक सदस्य बनाने का एक मात्र उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक पार्टी की विचारधारा को पहुंचा कर पार्टी से सीधे जोर कर चुनाव में अधिक वोट हासिल करना है. अपने कार्यकर्ता को टिप्स देने के लिए शिवराज झारखंड में होंगे तो विरोधी बीजेपी को चुनावी सियासत में मात देने की रणनीति बनाने में जुटे हैं.