मुंगेर दुर्गा विसर्जन: CBI जांच हेतु 10 मार्च से HC रोज करेगा सुनवाई, फायरिंग में 1 युवक की हुई थी मौत
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मुंगेर दुर्गा विसर्जन: CBI जांच हेतु 10 मार्च से HC रोज करेगा सुनवाई, फायरिंग में 1 युवक की हुई थी मौत

Bihar News: हाईकोर्ट ने कहा कि सभी पक्षकार अपनी अर्जियों को 9 मार्च तक एक-दूसरे के पास भिजवा दें और इस मामले पर रोजाना सुनवाई करते वक्त सभी पक्षकार तैयार रहें. 

मुंगेर फायरिंग केस में हाईकोर्ट 10 मार्च से रोज करेगा सुनवाई. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: बिहार के मुंगेर जिले में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुई पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत पर CBI जांच कराने हेतु दायर याचिका की सुनवाई पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में 10 मार्च से रोजाना होगी. न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने अमरनाथ पोद्दार की आपराधिक रिट याचिका (Criminal Writ Petition) को सुनते वक्त निर्देश दिया है. बता दें कि विवादित मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में न्याय की गुहार लगाते हुए फायरिंग कांड की जांच CBI या अन्य किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की गई थी.

दरअसल, Supreme Court ने 25 जनवरी को याचिकाकर्ता की अर्जी को वापस करते हुए अपने आदेश में पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि इस मामले की जल्दी ही सुनवाई की जाए और दो महीने में  फैसला लिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने उक्त न्यायादेश के आलोक में एकलपीठ ने राज्य सरकार को दो हफ्ते में जवाब दायर करने का निर्देश दिया था.

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वहीं, राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता नदीम सिराज ने कोर्ट को बताया कि जवाबी हलफनामा तय समय सीमा के अंदर दायर हो चुका था और मामले को अंतिम बहस पर रखा जा सकता है. वहीं, High Court ने कहा कि सभी पक्षकार अपनी अर्जियों को 9 मार्च तक एक-दूसरे के पास भिजवा दें और इस मामले पर रोजाना सुनवाई करते वक्त सभी पक्षकार तैयार रहें. 

बता दें कि पिछले वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर  मुंगेर के दीनदयाल चौक पर मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे जुलूस पर पुलिस फायरिंग के दौरान याचिकाकर्ता के 18 वर्षीय बेटे की मौत हो गयी थी. इस कांड के बाद उठे हंगामे और लोंगों के आक्रोश के कारण मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह (SP Lipi Singh) का तबादला हो गया था. सरकार के द्वारा एक जांच समिति बैठाई गई जिसने पुलिस को क्लीन चिट दिया. लेकिन चुनाव ड्यूटी पर तैनात फोर्स के चश्मदीद जवानों के बयान के मुताबिक, पुलिस की गोली से ही युवक की मौत हुई थी. याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की पुलिस से भरोसा उठाते हुए उक्त कांड की हाई कोर्ट से CBI जांच की मांग की है.

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