Patna में प्रदूषण को लेकर मुस्तैद हुई नगर निगम, सफाई के लिए मंगाई गईं 13 आधुनिक मशीनें
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Patna में प्रदूषण को लेकर मुस्तैद हुई नगर निगम, सफाई के लिए मंगाई गईं 13 आधुनिक मशीनें

स्वच्छता सर्वेक्षण में सफाई की अहमियत सबसे ज्यादा होती है. लिहाजा निगम ने सफाई पर सबसे ज्यादा जोर दिया था. दो साल पहले भी पटना में टर्की और इटली से डूलेवो नाम की 5 स्वीपिंग मशीनें मंगाई थी जिसका इस्तेमाल भी हो रहा है. 

Patna में प्रदूषण को लेकर मुस्तैद हुई नगर निगम, सफाई के लिए मंगाई गईं 13 आधुनिक मशीनें.

Patna: बिहार में राजधानी की सड़कें ज्यादा साफ हो, यहां की आबोहवा साफ हो सके लिहाजा इसके लिए आधुनिक स्वीपिंग मशीनें का इस्तेमाल किया जाएगा. दो तरह की स्वीपिंग मशीनों की खरीदी पटना नगर निगम ने की है. यही नहीं सड़कों की सफाई के साथ मैनहोल (Mainhole) की सफाई के लिए भी नई मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. बैंडीकूट नाम की मशीन के इस्तेमाल का फायदा ये होगा कि मैनहोल की सफाई बिना किसी सफाई कर्मचारी के आधुनिक तरीके से होगी. यानी जान का भी फायदा और समय की भी बचत.

राजधानी की सड़कों को अब नए तरीके से साफ किया जाएगा. ठीक उसी तरह से जिस तरह से महानगरों की सड़कें साफ होती हैं. पटना नगर निगम (Patna Nagar Nigam) ने 13 नई मशीनें मंगाई हैं और कुछ दिन में इसे सफाई के लिए सड़कों पर उतारा जाएगा. इन सफाई मशीनों का नाम है वाटर स्प्रिंक्लर्स (Water Sprinklers)और ट्रक माउंटेड स्वीपिंग मशीन (Truck Mounted Sweeping Machine). निगम की ये योजना है कि नए नगर विकास विभाग के मंत्री से इन मशीनों का उद्घाटन कराया जाए. 

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हालांकि पटना के लोग मानते हैं कि तमाम तरह की नई मशीनें भलें ही सड़कों पर उतारी गई हों लेकिन अभी राजधानी में काफी कुछ किया जाना बाकी है.

दिल्ली में पढ़ने वाले छात्र आकाश कहते हैं कि मैं दिल्ली में पढ़ाई करता हूं, लेकिन उसके मुकाबले पटना में सफाई के लिए काफी कुछ किया जाना चाहिए. हालांकि पटना में काफी कुछ काम पिछले दिनों में हुए हैं.

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दरअसल, स्वच्छता सर्वेक्षण में सफाई की अहमियत सबसे ज्यादा होती है. लिहाजा निगम ने सफाई पर सबसे ज्यादा जोर दिया था. दो साल पहले भी पटना में टर्की और इटली से डूलेवो नाम की 5 स्वीपिंग मशीनें मंगाई थी जिसका इस्तेमाल भी हो रहा है. अब निगम का प्रयास है कि वैसी मशीनों का इस्तेमाल किया जाए जिनका निर्माण देश में हुआ हो. 

मेक इन इंडिया (Make in India) के तहत बनाई गई ऐसी ही स्वीपिंग मशीनें (Sweeping machine) निगम कैंपस में पहुंच चुकी हैं. निगम ने दो तरह की 13 नई मशीनें मंगवाई हैं. एक मशीन जिसका नाम है ट्रक माउंटेड स्वीपिंग मशीन (Truck Mounted Sweeping Machine) और दूसरी मशीन जिसका नाम है वाटर स्प्रिंक्लर्स मशीन. एक मशीन की कीमत करीब 55 लाख है.

वाटर स्प्रिंक्लर्स मशीन का इस्तेमाल सड़कों की सफाई के लिए होगा. सड़कों पर पहले पानी की बौछार होगी और फिर मशीन में लगी झाड़ू से सड़कों को साफ किया जाएगा. सड़कों की पड़ी धूल भी इसी मशीन  से हटाई जाएगी. इसके साथ ही मेनहोल की सफाई के लिए बैंडीकूट (Bandicoot) नाम की मशीन का सहारा लिया जाएगा. बैंडीकूट मशीन मेनहोल में जाकर सफाई करेगा और इसमें सफाई मजदूरों की जरूरत नहीं होगी.

पटना नगर निगम पार्षद आशीष सिन्हा ने कहा कि पटना शहर को बेहतर और सुंदर बनाने के मकसद से इन मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. इसी के साथ ही बैंडीकूट (Bandicoot)मशीन भी उपयोग में लाई जाएगी.

वहीं, पटना नगर निगम की जनसंपर्क अधिकारी (PRO) हर्षिता कहती हैं कि हमारे पास पहले से मशीनें हैं और 13 और नई मशीनें खरीदी गई हैं. 14 फरवरी को इसका उद्घाटन किया जाएगा.

नगर विकास मंत्रालय ने पिछले कुछ समय में बिहार के शहरों की सूरत बदलने के लिए काफी काम किया है. अब पटना को पहले से ज्यादा साफ और स्वच्छ बनाने के मकसद से नई मशीनों की खरीदी की है. अब इन मशीनों से गलियां और सड़कें दोनों साफ होंगी.