मुजफ्फरपुर शेल्टर होम तोड़ने वाले मजदूर हैं खौफजदा, आती हैं बच्चियों की सिसकने की आवाज!
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम तोड़ने वाले मजदूर हैं खौफजदा, आती हैं बच्चियों की सिसकने की आवाज!

शेल्टर होम तोड़ने का काम पुलिस की निगरानी में की जाती है. रोजाना शेल्टर होम को खोला जाता है और मजदूर वहां तोड़ने का काम करते हैं.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को तोड़ने का काम चल रहा है.

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में चर्चित शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बालिका गृह को गिराने का निर्देश दिया था. जिसके बाद बिहार सरकार के आदेश से बालिका गृह के बिल्डिंग को तोड़ा जा रहा है. लेकिन यहां बड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है. बालिका गृह को गिराने का काम कर रहे मजदूरों में खौफ हो गया है. उनका कहना है कि यहां अजीब-अजीब आवाजें सुनाई दे रही हैं.

मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में बच्चियों के साथ रेप का मामला सामने आया था. वहीं, बच्चियों के गायब होने और हत्या की खबर आई थी. जिसके बाद से इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. वहीं, इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर काफी समय से जेल में कैद हैं. वहीं, जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि अब तक अवैध शेल्टर होम को क्यों नहीं गिराया गया है. जिसके बाद बिहार सरकार ने बिल्डिंग को गिराने का आदेश दिया. बिल्डिंग गिराने से पहले सीबीआई ने सभी सामान को जब्त कर लिया है. उसके बाद से शेल्टर होम को तोड़ने का काम लगातार जारी है.

शेल्टर होम तोड़ने का काम पुलिस की निगरानी में की जाती है. रोजाना शेल्टर होम को खोला जाता है और मजदूर वहां तोड़ने का काम करते हैं. वहीं, शाम में मजिस्ट्रेट की निगरानी में इसे सील किया जाता है. लेकिन यहां काम कर रहे मजदूरों का कहना है कि गेट सील को होने के बावजूद जब यहां शेल्टर होम की अंदर की दरवाजे खिड़कियां खुली होती है.

बताया जाता है की नगर निगम कर्मी पुलिसकर्मी के मौजूदगी में खिड़की और दरबाजा बंद किए जाते हैं. जिसके बाद भी सुबह खिड़कियां दरवाजे खुले मिलते हैं. मजदूरों का कहना है कि यहां अजीब आवाजें आती है. बच्चियों के सिसकियों की आवाजे सुनाई देती है. ऐसे में उनके अंदर भी डर बैठ गया है.

हालांकि सवाल यह है कि जब निगरानी में दरवाजे बंद किए जाते हैं. और मुख्य गेट सील किया जाता है तो ऐसे में सुबह दरवाजे खिड़कियां खुली क्यों मिल रही है. आखिर कौन यहां आता है. क्या रात में कोई शेल्टर होम में दाखिल होकर यह काम करता है? यह अब काफी अहम सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि इसमें कितनी सच्चाई है. हालांकि ज़ी मीडिया ऐसी किसी तरह बातों की पुष्टि नहीं करता है.