मुजफ्फरपुर शेल्टर होम : स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त, 2 मार्च से होगी रोजाना सुनवाई
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम : स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त, 2 मार्च से होगी रोजाना सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि दो मार्च से मामले की रोजाना सुनवाई होगी और मामले की सुनवाई किसी भी सूरत में टाली नहीं जाएगी.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम : स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त, 2 मार्च से होगी रोजाना सुनवाई

नई दिल्ली/मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में साकेत कोर्ट के आदेश बाद सीबीआई ने मामले में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (सरकारी वकील) नियुक्त कर दिया है. वकील अमित जिंदल को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया गया है. आज मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर समेत अन्य आरोपी साकेत कोर्ट में पेश हुए.

कोर्ट ने सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी सौंपने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि दो मार्च से मामले की रोजाना सुनवाई होगी और मामले की सुनवाई किसी भी सूरत में टाली नहीं जाएगी. साकेत कोर्ट दो मार्च को सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर सकता है. दरअसल, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो दो दिनों में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (सरकारी वकील) की नियुक्ति करे.

सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को बालिका गृह मामले की सुनवाई दिल्ली स्थित साकेत के विशेष पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साकेत कोर्ट से छह महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया था.

इससे पहले शुक्रवार को बिहार से कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपियों को दिल्ली लाया गया था. जुलाई महीने में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी सहायता प्राप्त एक शेल्टर होम में 16 बच्चियों के साथ लंबे समय तक दुष्कर्म के मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पीड़ित बच्चियों ने अपने एक साथी की हत्या कर शव को परिसर में दफनाने का आरोप भी लगाया था. इसी साल मई में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सोशल ऑडिट के दौरान मामले का खुलासा हुआ था.

इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्‍टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं. पुलिस पूछताछ में पीड़िताओं ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये लड़कियां गायब हुई हैं. इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की. मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई. सोशल ऑडिट में यह सामने आया था कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच शेल्टर होम से 6 लड़कियां गायब हुई हैं. हालांकि, इन लड़कियों के गायब होने का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं है.

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