Bettiah: भारत सरकार के पूर्व पेट्रोलियम सचिव और बीजेपी के पूर्व विधायक आरएस पांडेय ने कोरोना की कहर के बीच अनूठी पहल की है. पूर्व बीजेपी विधायक आरएस पांडेय ने 100 ऐसे छात्रों के पठन-पाठन और भरण-पोषण का बीड़ा उठाया है, जिनके माता पिता और अभिभावक कोरोना की कहर में मर गए हैं. 


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CM नीतीश कुमार के फैसले के बाद वो सूबे में पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने ये कदम उठाया है.  राज्य सरकार ने भी कोरोना के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए शिक्षा और भरण-पोषण के लिए योजना शुरू की है. जिसमे वाल्मीकि विकास मंच ने सरकार के कदम से कदम मिलाकर चलने का एलान कर दिया है।


भारत सरकार के पूर्व पेट्रोलियम सचिव और बगहा से बीजेपी के पूर्व विधायक राघव शरण पांडेय की इस संस्था ने कोविड में अनाथ हुए 100 गरीब बच्चों की शिक्षा दीक्षा का जिम्मा उठाया है. जिसके तहत यह संस्था शिक्षा पर आने वाला सारा खर्च वहन करेगी. 


इसकी जानकारी देते हुए आरएस पांडेय ने बताया कि वे समाज के साथ जनसहयोग और समाजसेवा की भावना को लेकर जरूरतमंद लोगों की मदद को आगे आयें हैं. इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं हैं. 


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गौरतलब है कि वाल्मीकि विकास मंच ने कोरोना काल में लोगों की काफी ज्यादा मदद की है. वो बड़े पैमाने पर महिलाओं और प्रवासी मजदूरों को रोजगार दे रहें हैं. ये लोग मास्क बनाने का काम करता है. इसके अलावा वो गांवों में लगातार मास्क और सेनेटाइजर का भी वितरण करते हैं.


(इनपुट: इमरान)