Bettiah: विकास की रफ्तार पर अधिकारी फेर रहे पानी, केंद्रीय योजनाओं के पैसों का हो रहा बंदरबांट
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Bettiah: विकास की रफ्तार पर अधिकारी फेर रहे पानी, केंद्रीय योजनाओं के पैसों का हो रहा बंदरबांट

Bettiah Samachar: केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना पश्चिमी चंपारण जिले में दम तोड़ रही है. यहां पदाधिकारियों की मनमानी के कारण योजनाएं अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. 

 

विकास की रफ्तार पर अधिकारी फेर रहे पानी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Bettiah: केन्द्र सरकार बिहार में विकास की रफ्तार बढ़ाने का हर मुमकिन प्रयास कर रही है, लेकिन बिहार के पदाधिकारी सरकार के प्रयास पर पानी फेरने का कोई भी मौका खोना नहीं चाहते हैं. आलम यह है कि केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना पश्चिमी चंपारण जिले में दम तोड़ रही है. यहां पदाधिकारियों की मनमानी के कारण योजनाएं अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. ताजा मामला जिला मुख्यालय बेतिया का है. यहां केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना में भारी अनियमितता बरतने का मामला सामने आया है.

दरअसल, सूबे के 10 प्रखंडों में शुमार पश्चिम चंपारण जिले के एक मात्र बेतिया प्रखंड क्षेत्र का चयन इस योजना के लिए इस मकसद से किया गया था कि यहां सुदूरवर्ती और पिछड़े क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास कार्यों में तेजी लाई जा सके, जिसके लिए केंद्र सरकार ने करीब 9 करोड़ की लागत से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्कूल, शौचालय, सड़क, नाली समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं को धरातल पर उतारने का लक्ष्य निर्धारित किया है. बावजूद इसके शुरुआती दौर में ही बेतिया बीडीओ की निगरानी और जिम्मेवारी में कार्य शुरू तो करा दिया गया है लेकिन अब बीडीओ पर ही अनियमितता बरतने का आरोप लग रहा है.

जानकारी के मुताबिक, जिला प्रशासन को करीब 6 करोड़ की राशि का आवंटन तक प्राप्त हो गया है. जिला प्रशासन द्वारा डीडीसी के स्तर से आवंटित राशि को बीडीओ और निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सचिव के मार्फत कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया है. लेकिन योजना की राशि में करीब डेढ़ करोड़ की राशि का बेतिया बीडीओ ने बेयरर चेक से भुगतान कर राशि उठाव कर लिया जबकि नियम के अनुसार जीपीएस के खाते में राशि हस्तानांतरण करने की बजाए बेयरर चेक से भुगतान करना ही नहीं है. लिहाजा इसको लेकर अब सवाल उठने लगे हैं, जिससे योजना के तहत हो रहे कार्यों की गुणवत्ता और कार्यशैली समेत शिथिलता बरतने वाले बेतिया बीडीओ की मनमानी भी उजागर हुई है. क्योंकि योजना की राशि सीधे खाते में भेजने की बजाय बेयरर चेक से भुगतान कर सरकारी राशि का बंदरबांट जो किया जा रहा है.

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इतना ही नहीं, बीडीओ द्वारा पूर्व में काम कराने वाले संवेदक को बाहर का रास्ता दिखाते हुए लाखों रूपया देने से इंकार कर दिया है, जिसको लेकर पीड़ित संवेदक ने डीएम से लेकर सीएम तक से न्याय की गुहार लगाई है. विभागीय अधिकारी डीडीसी के मुताबिक, पंचायत सचिव योजना के तहत निर्माण एजेंसी अधिकृत किए गए हैं, लेकिन ग्राम पंचायत सचिव और संवेदक से बेतिया बीडीओ द्वारा मनमाने तरीके से सरकारी राशि का उठाव कर बंदरबांट किया जा रहा है. 

वहीं, मामले में संवेदक ने खुद डीएम समेत सरकार को लिखित शिकायत कर जांच और कार्रवाई की मांग की है. साथ ही स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. इधर, बेतिया डीडीसी ने भी निर्माण एजेंसी के खाते में राशि हस्तानांतरण करने की बात कही है. बावजूद इसके बेयरर चेक से भुगतान कर बेतिया बीडीओ और पंचायत सचिव द्वारा राशि की निकासी कर बंदरबांट किया जा रहा है. अधिकारियों की मनमानी उजागर होने पर अब योजना के संचालन पूर्व निर्माण में ही गड़बड़ी और BDO द्वारा अनदेखी पर कई सवाल उठने लगे हैं. एक ओर जहां शुरुआती संवेदक नीरज कुमार को बीडीओ और पंचायत सचिव द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, तो वहीं राशि का सीधा खाते में हस्तानांतरण करने की बजाए बेयरर चेक से भुगतान किन परिस्थितियों में बीडीओ और पंचायत सचिव द्वारा बैंक से करा लिया गया है यह जांच का विषय है.

(इनपुट- इमरान अज़ीज़)

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