नागमणि जेडीयू में तलाश रहे हैं अपनी राजनीतिक जमीन, खेला कुशवाहा कार्ड
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नागमणि जेडीयू में तलाश रहे हैं अपनी राजनीतिक जमीन, खेला कुशवाहा कार्ड

नागमणि का मन जदयू से भी डोलने लगा है, कुशवाहा समाज के सम्मान की बात को लेकर उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. 

नागमणि ने जेडीयू में अपनी राजनीतिक पकड़ बनाने में जुट गए हैं. (फाइल फोटो)

पटनाः पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि का मन जदयू से भी डोलने लगा है, कुशवाहा समाज के सम्मान की बात को लेकर उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. हालांकि, जदयू और भाजपा के नेता नागमणि को गलत बता रहे हैं और कह रहे हैं कि सब जानते हैं कि कुशवाहा का अभी नेता कौन है. आरजेडी के नेता भी नागमणि को नसीहत दे रहे हैं. 

लोकसभा चुनाव से पहले रालोसपा में कार्यकारी अध्यक्ष रहे नागमणि को उपेंद्र कुशवाहा ने जब दल से बाहर का रास्ता दिखाया, तो नागमणि के सामने जदयू का दामन थामने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. काफी जद्दोजहद के बाद नागमणि की जदयू में वापसी हुई. अब लग रहा है कि नागमणि का जदयू से भी मन भर गया है, तभी तो उन्होंने कुशवाहा समाज के सम्मान की बात कह कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कह रहे हैं कि कुशवाहा समाज को सम्मान नहीं दिया जा रहा है, जिसे वो बर्दास्त नहीं करेंगे.

दरअसल, नागमणि को ऐसा लग रहा था कि जदयू में शामिल होंगे, तो उन्हें या उनकी पत्नी को विधान परिषद में भेज दिया जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं होगा, तो मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें जातीय समीकरण के आधार पर जगह मिल सकती है. लेकिन दोनों मौके निकल गये, लेकिन नागमणि और उनकी पत्नी को कोई पद नहीं मिला, ऐसे में नागमणि फिर से राजनीतिक जमीन तलाशने लगे हैं, लेकिन भाजपा और जदयू उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने में जुटे हैं. 

अपने तो नागमणि को नसीहत दे ही रहे हैं, साथ ही विरोधी राजद भी उन्हें ज्यादा उछल- कूद की सलाह नहीं दे रही है. पार्टी नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि ज्यादा दल बदलने से नेता जनता के दिल से उतर जाते हैं. 

नागमणि की बात करें तो लगभग सभी दलों में रह चुके हैं और कुशवाहा समाज के बल पर केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन कुशवाहा समाज हक दिलाने में नाकाम रहे हैं, लेकिन अब फिर से कुशवाहा कार्ड खेल कर नागमणि फिर से अपनी राजनीतिक गोटी सेट करने की फिराक में हैं, लेकिन इससे कितना फायदा होता है, ये तो आनेवाले समय में ही पता चलेगा.