परिजन नवजात के शव के साथ अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए और लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे.
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रवि मिश्रा/बक्सर : बिहार के सरकारी अस्पतालों का हाल क्या है यह किसी से छुपा नहीं है. हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आती है जो कि सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. ताजा मामला बक्सर सदर अस्पताल का है, जहां प्रसव के दौरान नवजात की मौत के बाद अस्पताल में जमकर हंगामा बरपा. आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया और लापरवाही का आरोप लगाया.
शहर के नालबंद टोली की रहने वाली शिल्पी देवी को कल सुबह छह बजे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शाम को छह बजे के आसपास महिला का प्रसव कराया गया. प्रसव के बाद परिजनों को कहा गया कि बच्चा मृत पैदा हुआ है. इतना सुनते ही परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा.
परिजन नवजात के शव के साथ अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए और लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे. घंटों बीत जाने के बाद भी देर रात तक अस्पताल की तरफ से किसी ने उनकी सुध नहीं ली. परिजनों के मुताबिक, लापरवाही उजागर होते ही उन्हें डांट कर भगा दिया गया. मौके से चिकित्सक से लेकर नर्स तक फरार हो गई.
मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर मीडिया की टीम पहुंच गई. मिडिया के अस्पताल पहुंचते ही हड़कंप मच गया. अभी हम परिजन से बात ही कर रहे थे कि अस्पताल की लापरवाह महिला स्टाफ जिसपर आरोप था मौका देख फरार होने लगी. हालांकि हमने उनका पक्ष भी जाना, जिसमें लापरवाही से साफ इंकार कर दिया.
बातचीत के दौरान आक्रोशित परिजनों को देख आरोपी महिला स्टाफ भागने लगी, जिसके बाद परिजनों ने उसे पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले करने की बात करने लगे. मीडिया के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह मामले को शांत कराया गया. लेकिन अस्पताल में घंटों चले इस हाई वॉल्टेज ड्रामा के बावजूद अस्पताल की तरफ से कोई नहीं पहुंचा.
इतना कुछ बीत जाने के बाद भी अस्पताल की तरफ से कोई नहीं आया, लेकिन मीडिया की पहल पर अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत सिंह ने परिजनों से लिखित शिकायत लेकर कार्रवाई के लिए आश्वस्त कराया. अस्पताल में लापरवाही की यह कोई नई तस्वीर नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के संसदीय क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का यह आलम है तो अन्य अस्पतालों की हालत क्या होगी, यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.
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